जहाँ कभी महीनों बाद आती थी चिट्ठी, अब सेकंडों में मिलेगा ओटीपी, हाईटेक हुआ डाक विभाग

जहाँ कभी महीनों बाद आती थी चिट्ठी, अब सेकंडों में मिलेगा ओटीपी, हाईटेक हुआ डाक विभाग
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भीलवाड़ा राजकुमार माली । कभी समय था जब किसी की मौत की खबर या नौकरी की नियुक्ति पत्र महीनों बाद घर पहुंचते थे। कई बार तो चिट्ठी हाथ लगते-लगते दो साल गुजर जाते थे। लेकिन वक्त ने करवट ली है और अब वही डाकघर डिजिटल युग की नई कहानी लिख रहा है।'

डाक विभाग ने पूरे देश में ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आधारित डिलीवरी सिस्टम लागू कर दिया है। अब रजिस्टर्ड डाक, स्पीड पोस्ट, पार्सल, बीमित पत्र और पत्र-पत्रिकाएं मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी से कन्फर्म होने के बाद ही डिलीवर होंगी।

👇नई सुविधा के फायदे

* रजिस्टर्ड डाक, स्पीड पोस्ट, पार्सल की डिलीवरी अब ओटीपी से कन्फर्म

* डाक गायब होने या फर्जी डिलीवरी की शिकायत खत्म

* हर डिलीवरी का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा

* ग्राहक खुद बताएगा– डाक सही हाथों तक पहुंची

* ई-कॉमर्स की तरह अब डाकघर भी देगा सुरक्षित सेवा

कैसे बदलेगा तरीका?

अब उपभोक्ता डाक बुकिंग के समय यह तय करेगा कि वह सामान्य डाक भेजना चाहता है या ओटीपी वाली सेवा। यदि ओटीपी सेवा चुनी गई तो भेजने वाले और पाने वाले दोनों का मोबाइल नंबर दर्ज होगा। जब डाक गंतव्य पर पहुंचेगी तो रिसीवर के मोबाइल पर ओटीपी आएगा। यह ओटीपी बताने पर ही डाक हाथ में सौंपी जाएगी।

क्यों है जरूरी?

* डाक गायब होने या बिना डिलीवर बताए ‘डिलीवर’ दिखाने की शिकायतें खत्म होंगी।

* डिलीवरी का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा।

* ग्राहक खुद पुष्टि करेगा कि उसे डाक मिली है।

नई तकनीक, नए भरोसे के साथ

डाक विभाग ने हाल ही में एडवांस पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) एप्लिकेशन** लागू किया है। इसके जरिए न केवल लेन-देन तेज और सटीक होगा, बल्कि डेटा एनालिटिक्स आधारित रिपोर्टिंग और सुरक्षित डिलीवरी की गारंटी भी मिलेगी।ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह अब आम जनता भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेगी। कभी महीनों इंतजार कराने वाला डाक विभाग अब कुछ सेकंड में ओटीपी से आपकी चिट्ठी की सुरक्षा पक्की करेगा।

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