मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले: बजट में किस सेक्टर को क्या मिला? एक क्लिक में जानिए

बजट में किस सेक्टर को क्या मिला? एक क्लिक में जानिए
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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार 23 जुलाई को पेश कर दिया गया। इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। सरकार ने कृषि, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और युवाओं के विकास के लिए विशेष योजनाएं और फंड आवंटित किए गए हैं। इस बजट का उद्देश्य देश के समग्र विकास को गति देना और सभी वर्गों को सशक्त बनाना है। आइए, जानते हैं किस सेक्टर को क्या मिला।

MSME सेक्टर के लिए की गई हैं ये अहम घोषणाएं


बजट 2024-25 में एमएसएमई क्षेत्र (MSME Sector)को प्रोत्साहित करने के लिए अहम घोषणाएं की गईं हैं। सरकार की मुद्रा योजना (Mudra Scheme) के तहत ऋण सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है, जिससे सूक्ष्म उद्यमों को लोन मिलने में आसानी होगी।

टीआरईडीएस पर खरीदारों के अनिवार्य ऑनबोर्डिंग (TReDS Onboarding) के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपए से घटाकर 250 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जिससे 22 और सीपीएसई और 7,000 अतिरिक्त कंपनियां प्लेटफॉर्म पर आएंगी।

एमएसएमई क्षेत्र के लिए बिना गारंटी या तीसरे पक्ष की गारंटी के टर्म लोन को सक्षम करने के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की गई है। [Credit Guarantee Scheme]

एमएसएमई क्षेत्र में 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों के लिए वित्तीय सहायता, 60 क्लस्टर्स में सूक्ष्म और छोटे उद्योगों के ऊर्जा ऑडिट (Energy Audits) और पारंपरिक कारीगरों के लिए पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात हब (E-commerce Hubs) की स्थापना के उपाय भी किए गए हैं





शहरी विकास के लिए 10 लाख करोड़ का प्रावधान


बजट 2024-25 में शहरी विकास (Urban Development) को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 (PM Awas Yojana Urban 2.0) के तहत, 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, जिसमें अगले पांच वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता शामिल है।

राज्य सरकारों और बहुपक्षीय विकास बैंकों के सहयोग से, सरकार 100 बड़े शहरों में जल आपूर्ति (Water Supply) , सीवेज ट्रीटमेंट (Sewage Treatment) और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं (Solid Waste Management) को बढ़ावा देगी।

पीएम स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Scheme) की सफलता को देखते हुए सरकार अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब (Street Food Hubs) के विकास का समर्थन करेगी। इस बजट में शहरी विकास के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया गया है, जो शहरी क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देगा।


क्रिटिकल मिनरल मिशन के लिए 5,000 करोड़ आवंटित


बजट 2024-25 में 'निर्माण और सेवाओं' क्षेत्र को और प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रीसाइक्लिंग और विदेशी महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए एक क्रिटिकल मिनरल मिशन (Critical Mineral Mission) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।

इस मिशन के तहत घरेलू स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों के उत्पादन और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हमारा उद्देश्य है कि हम न केवल महत्वपूर्ण खनिजों का घरेलू उत्पादन (Domestic Production) करें, बल्कि उनकी रीसाइक्लिंग ( क्रिटिकल मिनरल मिशन का एक अन्य अहम उद्देश्य विदेशी महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों का अधिग्रहण (Overseas Acquisition of Mineral Assets) होगा। इससे न केवल हमारी खनिज आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी, बल्कि हमें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भी मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार ऑफशोर खनन ब्लॉकों की पहली खेप की नीलामी (Offshore Mining Blocks Auction) शुरू करने का प्रस्ताव करती है।" इससे न केवल हमारे खनिज संसाधनों का अन्वेषण बढ़ेगा, बल्कि घरेलू उत्पादन में भी वृद्धि होगी।


एनर्जी सेक्टर के लिए 19,100 करोड़ रुपए


केंद्रीय बजट 2024 में नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy Sector) को 19,100 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो फरवरी के अंतरिम बजट में आवंटित 12,850 करोड़ रुपए से अधिक है। संशोधित अनुमान के अनुसार, बजट 2023-2024 के लिए 7,848 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

सरकार ने सौर ऊर्जा (ग्रिड) (Solar Energy Allocation) के लिए 8,500.35 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। यह बजट 2023-2024 के संशोधित अनुमानों के मुकाबले लगभग 79% ज्यादा है। कुल मिलाकर, कुल-सौर ऊर्जा सेक्टर को केंद्रीय बजट 2024-2025 में 16,394.75 करोड़ रुपए का आवंटन मिला है।

सरकार ने बजट 2024-25 में पवन और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के लिए 851 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों 100 करोड़ से ज्यादा है। जैव ऊर्जा कार्यक्रम को बजट 2024-25 में 300 करोड़ का आवंटन मिला है।


टूरिज्म सेक्टर के लिए 2,479 करोड़ का आवंटन

केंद्रीय बजट 2024-25 में पर्यटन क्षेत्र के लिए ₹2,479 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के ₹2,400 करोड़ से अधिक है। संशोधित अनुमान में FY24 के लिए पर्यटन क्षेत्र को ₹1,692.10 करोड़ का आवंटन दिखाया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में पर्यटन को बढ़ावा (Tourism Development) देने के लिए चार प्रमुख घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा, 'भारत को वैश्विक पर्यटक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयास नौकरियों का सृजन करेंगे, निवेश को प्रोत्साहित करेंगे और अन्य क्षेत्रों के लिए आर्थिक अवसरों को खोलेगा।'

वित्त मंत्री ने गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर (Vishnupad Temple Development) के विकास की घोषणा की।सीतारमण ने कहा 'विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर का व्यापक विकास काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के सफल मॉडल पर किया जाएगा।'

राजगीर को व्यापक विकास (Rajgir Development) पहल के तहत शामिल किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा 'राजगीर हिंदुओं, बौद्धों और जैनों के लिए धार्मिक महत्व रखता है। सप्तऋषि या 7 गर्म जलस्रोत ब्रह्मकुंड का निर्माण करते हैं, जो पवित्र है।'

रेलवे सेक्टर (Railway Sector)


सरकार ने बजट में रेलवे के लिए कई घोषणाएं की हैं। PM गति शक्ति पहल के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों का बजट में प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, 40,000 रेल बोगियों को वंदे भारत स्टैंडर्ड में अपग्रेड किया जाएगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आवंटन को अंतरिम बजट के 25,000 करोड़ से घटाकर 21,000 करोड़ कर दिया गया है। डेडिकेटेड मालवाहक कॉरिडोर के लिए 8155 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector)


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की। PM आवास योजना (ग्रामीण) के तहत, अगले पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ घर बनाए जाएंगे और मध्यम वर्ग के लिए नई आवास योजना शुरू की जाएगी।


2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य (Developed India by 2047)


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में 2047 तक विकसित भारत का रोडमैप पेशत किया। वित्त मंत्री ने भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया और राज्य सरकारों के सुधारों के लिए 75,000 करोड़ रुपए की 50-वर्षीय ब्याज लोन देने के प्रावधान का ऐलान किया।

पूंजीगत व्यय में वृद्धि (Capital Expenditure Increase)


सरकार ने बजट में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure)में 11% की वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया, जो 11.1 ट्रिलियन, या GDP का 3.4% है। इस कदम का मकसद विकास को गति देना और सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।

संचार मंत्रालय को 1.37 लाख करोड़ रुपए आवंटित

केंद्र सरकार ने बजट 2024 में संचार मंत्रालय के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपए का आवंटित किया है। यह राशि डिजिटल इंडिया और संचार सुविधाओं को बेहतर बनाने में इस्तेमाल की जाएगी।

डिफेंस सेक्टर के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपए आवंटित


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया। यह राशि देश की सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में विकास के लिए महत्वपूर्ण है। डिफेंस सेक्टर के लिए मौजूदा एलॉकेशन पिछले वर्ष की तुलना में 4.3 प्रतिशत अधिक है। यह बजट कुल बजट का 13.04 प्रतिशत है।

मैनुफैक्चिरंग सेक्टर से जुड़ी योजना के लिए 6,200 करोड़


केंद्र सरकार ने मैनुफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ी पीएलआई योजना(PLI Scheme) के लिए 6,200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। मौजूदा समय में वर्तमान में, PLI योजना में 14 प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं जैसे ऑटोमोबाइल एवं ऑटो कंपोनेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी हार्डवेयर, दूरसंचार, फार्मास्यूटिकल्स, सौर मॉड्यूल, धातु एवं खनन, कपड़ा एवं परिधान, ड्रोन व उन्नत रसायन सेल बैटरी आदि। सरकार विभिन्न मदों के तहत भारतीय मैनुफैक्चरिंग कंपनियों को कुल 1.97 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन प्रदान करेगी। PLI (Production Linked Incentive) योजना भारतीय कंपनियों को घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है। सरकार ने चीन एवं अन्य देशों पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिये इस योजना की शुरुआत की है

आयुष्मान भारत योजना के लिए 7,500 करोड़ आवंटित


केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र की अपनी सबसे महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के लिए 7,500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और गरीबों को चिकित्सा सुविधा मिलेगी। सरकार पहले ही आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग के लोगों को फायदा देने का ऐलान कर चुकी है।

मनरेगा योजना को 86,000 करोड़ रुपए


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बजट 2024 में मनरेगा योजना के लिए 86,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यह राशि ग्रामीण रोजगार और विकास से जुड़े कामों पर खर्च की जाएगी।


5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप भत्ता

निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार इंटर्नशिप के लिए 500 टॉप कंपनियों में 5 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का प्रावधान करेगी। जिसमें 5000 रुपए प्रति माह इंटर्नशिप भत्ता और 6000 रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी।

पहली बार जॉब करने वालों को मिलेंगे 15 हजार रुपए


सीतारमण ने बताया कि सभी संगठित क्षेत्रों में पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन मिलेगा। इसकी अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए होगी। यह रकम तीन किशतों में दी जाएगी। राशि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे खाते में भेजी जाएगी। इस योजना से देश के 2.1 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है। पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को EPFO के जरिए 15 हजार रुपए दिए जाएंगे।


कौशल विकास और रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में रोजगार और कौशल विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने पीएम पैकेज के तहत 2 लाख करोड़ रुपए के आवंटन के साथ 5 योजनाओं की घोषणा की। इस साल शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं EPFO में नामांकन पर आधारित होंगी, जो पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को पहचानने पर केंद्रित होंगी।


हेल्थ: कैंसर की तीन दवाएं हुई सस्ती (Healthcare sector

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर में बड़ी घोषणा कर आम जनता को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कैंसर रोगियों के लिए तीन और दवाओं से सीमा शुल्क यानी कस्टम ड्यूटी हटाने की घोषणा की है। अब कैंसर की कुछ दवाएं और ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किए जाने वाली मशीन सस्ती हो जाएंगी। इससे कैंसर के इलाज का खर्च कम होगा और मरीजों को राहत मिलेगी।

वित्त मंत्री ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करते हुए कई प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला किया है। इसमें दवाओं और मेडिकल उपकरण शामिल हैं। इस कदम से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि यह स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा देगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा।

स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर अपनी घोषणा में वित्त मंत्री ने कहा कि मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग किए जाने वाले एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में बदलाव किया जाएगा। इससे मेडिकल उपकरणों की कीमतों में कमी आएगी और इनका उपयोग करने वाले अस्पतालों को लाभ होगा। इससे मरीजों को बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।


घरेलू संस्थानों में 10 लाख तक का एजूकेशन लोन मिलेगा

बजट का थीम - रोजगार, स्किलिंग, माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) मिडल क्लास है. बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने घरेलू संस्थानों में 10 लाख तक का एजूकेशन लेने की घोषणा की है। एजुकेशन लोन पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा. सरकार हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराएगी, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान के तौर पर दिया जाएगा।


शिक्षा क्षेत्र के लिए 20,000 करोड़ रुपए आवंटित (

शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 20,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इसके अंतर्गत, उच्च शिक्षा संस्थानों के विकास के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि देश के युवा सशक्त बनें और उनके पास बेहतर शिक्षा के अवसर हों।


किसान: कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए (

मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में किसानों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। कृषि क्षेत्र को नई तकनीक और आधुनिक उपकरणों से लैस करने की योजना बनाई है। बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस राशि से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'किसानों के लिए 32 खेत और बागवानी फसलों की 109 नई उच्च उपज वाली और जलवायु लचीली किस्में जारी की जाएंगी। अगले 2 वर्षों में, 1 करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग द्वारा प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं का विस्तार किया गया है। सरकार का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना

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