इको पार्क की पहचान को धूमिल कर रही लेंथाना झाड़िया

इको पार्क की पहचान को धूमिल कर रही लेंथाना झाड़िया
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हमीरगढ़ ( अल्लाउद्दीन मंसुरी) इको पार्क मैं वन विभाग द्वारा की गई गणना पर लेंथाना झाड़ियां का दुष्प्रभाव झलक पड़ा है, फलस्वरूप मेवाड़ में सबसे ज्यादा चिंकारा हिरण की पहचान रखने वाले इको पार्क मैं चिंकारा की घटती संख्या और उनके दुश्मन सियार के इजाफा देखा गया जो की चिंता चिंतन का विषय हैl क्षेत्र के वन्य जीव प्रेमियों द्वारा मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री जिला कलेक्टर एवं उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर पिछले 1 वर्ष से लेनथाना झाड़ियां को इको पार्क से मुक्त करने की मांग की जा रही हैl लेकिन इसके तहत मात्र 40 हेक्टर में रुक रुक कर झाड़ियां की मुक्ति का नरेगा के तहत काम चला लेकिन निरंतर काम की चाल नहीं मिल पाने से लेंथाना ने झाड़ियां वन्य जीव के आहार विहार पर गंभीर संकट बनकर खड़ी है, जंगल में व्याप्त घास झाड़ियां अन्य वनस्पति एवं नवीन प्राकृतिक पौधों की ग्रोथ भी धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही हैl समय रहते इस गंभीर संकट पर ध्यान नहीं दिया दिया गया वन विभाग द्वारा जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहे हैं,प्रयास आधे अधूरे रह जाएंगेl

इको पार्क का मूल आकर्षण वन्य जीव और आहार विहार और वनस्पति कौ लेनथाना झाड़ियां निगल जाएगीl वन्य जीव प्रेमी नगर पालिका अध्यक्ष रेखा परिहार, पीपल फॉर एनिमल अध्यक्ष सत्यनारायण व्यास, दुर्गा लाल नायक, राजेश सुथार,गोपाल लड्ढा, अभिषेक व्यास, संजय मंडोवरा, दिनेश शर्मा, प्रकाश मंडोवरा, जिला कलेक्टर से पार्क में नरेगा के तहत लेंथाना मुक्ति अभियान शीघ्र शुरू करने की की मांग को दोहराया हैl वन्य जीव प्रेमियों ने विगत दिनों 40 हेक्टर वन क्षेत्र से झाड़ी की मुक्ति की वजह से वन्य जीव यहां अब आसानी से कुचल भरते नजर आने लगे हैं वनकर्मियों के अनुसार क्षेत्र में जरक, सियार, लोमड़ी, हिरण, नीलगाय, सहेली, जंगली सूअर आदि की संख्या में इजाफा हुआ है l लेकिन चिंकारों के बिडिंग के समय सियार के शिकार होने से हिरण की संख्या में उल्लेखनीय बढ़त नहीं हो पा रही है इसके लिए बाड़ा बंदी की जाना लाजमी है यह बात है सरकार मैं प्रस्तावित हिरण प्रजनन केंद्र खुलने पर संभव हो सकेगी जैसा की वन्यजीवों के लिए ग्रीष्मकालीन पेयजल व्यवस्था वन्यजीव प्रेमी द्वारा की जा रही है ऐसा हालत में नरेगा के तहत लेंथाना झाड़ी मुक्ति अभियान नितांत आवश्यक हैl

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