महाराणा की भूमि है यह राजस्थानी माटी ..

महाराणा की भूमि है यह राजस्थानी माटी ..

भीलवाड़ा। महाराणा की भूमि है यह राजस्थानी माटी बेगू से आए ओजस्वी कवि अजय हिंदुस्तानी कि इस रचना ने श्रोताओं के रोंगटे खड़े कर दिए मौका था बीती रात कोहिनूर सेवा समिति द्वारा महाराणा प्रताप जयंती पर चारभुजा नाथ बड़े मंदिर चौक में आयोजित विराट कवि सम्मेलन का शुभारंभ शाहपुरा के उत्कृष्ट गीतकार कैलाश सिंह झाड़ावत की सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन का आगाज हुआ।

संयोजक एवं सूत्रधार रामनिवास रोनीराज ने बताया की बताया कि विशाल शोभा यात्रा में विभिन्न अखाड़ों द्वारा शौर्य प्रदर्शन व अखाड़ा उस्तादों के सम्मान के साथ ही कवि सम्मेलन मे कविताओं ने दिलों में जोश जगा दिया। वही निंबाहेड़ा की धरती से आए अंशुमान आजाद की रचना ’’थोड़ा तो सम्मान दिलाते इंकलाब के नारे को’’ ने खूब तालियां बटोरी, संयोजक कवि रामनिवास रोनीराज की रचना ’’यदि राजपूती हाथों में तलवारों सन्ग तीर कमान ना होता’’ ने कवि सम्मेलन को परवन चढ़ाया, शाहपुरा की स्वर कोकिला कवित्री कुमारी सरोज के मोबाइल पर गीत ’’बलम मारो बिजी गनौ यूं रखे नजर नीची गनो’’, मांडलगढ़ से आए कवि प्रभु प्रभाकर ने ’’मैं खुदा की इबादत करूं साके चमन हो, बेटे से पहले घर में बेटी का जन्म हो... पढ़ कर खूब दाद पाई, शाहपुरा के कवि गीतकार कैलाश सिंह जाड़ावत के राजस्थानी गीतों ने जबरदस्त समां बांधा, वहीं जहाजपुर के व्यंग कर महेंद्र मतवाला की बेटी पर रचना ने कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान प्रदान की। बेहतरीन संचालन कवि रामनिवास रोनीराज ने किया।

कवि सम्मेलन में संरक्षक छीतरमल लढ़ा, शहर अध्यक्ष रामचंद्र मूंदड़ा, जनरल सेक्रेटरी दुर्गा लाल सोनी, शहर अध्यक्ष अतुल सुराणा, सुरेश नागौरी, महिला प्रकोष्ठ मीना सोनी, माण्डल हिंदू महासभा के अध्यक्ष लादूलाल कसारा, रामगोपाल सोनी, लक्ष्मण कसारा, संगठन की मंजूलता शर्मा, दुर्गा देवी शर्मा, दीपिका शर्मा, पिंकी शर्मा आदि मौजूद थे।

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