पौधारोपण के बजाय पौधे जीवित रखने का हो लक्ष्य
भीलवाड़ा। वर्षाऋतु शुरू हो चुकी है एवं सरकार ने शिक्षा विभाग, नगर निकायों सहित विभिन्न विभागों को बढ़ा-चढ़ाकर पौधारोपण का लक्ष्य दिया है। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने विश्व पेड़ दिवस पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बड़ी संख्या में पौधे लगाकर पौधारोपण कार्यक्रम की औपचारिकता करने के बजाय पौधे कम संख्या में लगाकर पौधों को जीवित रखने के प्रति विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय हो।
जाजू ने राजस्थान के वन मंत्री द्वारा हाल ही में 7 करोड़ पौधे लगाने के वक्तव्य पर कहा कि अधिक पौधारोपण करने से पौधों पर अधिक धनराशि खर्च होगी व साथ ही साथ रखरखाव की कमी से पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे। उन्होंने पौधारोपण का लक्ष्य पूर्ण करने की औपचारिकता के बजाय बड़ी साइज के गड्ढ़े खोदकर आवश्यकतानुसार मिट्टी व खाद डालकर सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण करते हुए भूमि एवं जलवायु के अनुसार अधिक उम्र व प्राणवायु प्रदान करने वाले पौधों का रोपण करने की बात कही। जाजू ने कहा कि सरकार ने पूर्व में हर वर्ष करोड़ों पौधे लगाने का लक्ष्य लिया था परंतु लाखों पौधे भी पेड़ नहीं बन पाये है।
पिछले 20 वर्षों में राजमार्ग निर्माण एवं बढ़ते शहरीकरण के कारण करोड़ों विशालकाय पेड़ों को काटा गया जिससे वनों का प्रतिशत 13.5 से 9.5 रह गया है व सघनता 0.8 से 0.3 रह गई है। जिससे प्रदूषण बढ़ा है व वर्षा का अनुपात घटा है साथ ही तापमान में वृद्धि होने से भीषण गर्मी से प्रदेश की जनता त्रस्त है। उल्लेखनीय है कि डूंगरपुर में 1 दिन में 11 लाख पौधे लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था उसमे 10 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं रह पाये। जाजू ने कागजों में नहीं धरती पर पौधारोपण कर उन्हें पल्लवित करने पर जोर दिया।