भीलवाड़ा के नाटक 'कठपुतलियां' का जयपुर में मंचन

भीलवाड़ा के नाटक कठपुतलियां का जयपुर में मंचन
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भीलवाड़ा। युवा रंगकर्मी अनुराग सिंह के निर्देशन में तैयार नाटक कठपुतलियां का मंचन युवा नाट्य निर्देशक अनुदान योजना के तहत जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में हुआ। राजस्थान भर के युवा नाट्य कर्मियों के मध्य तीन निर्देशक चुने गए और तीन महीने की तैयारी में यह नाटक तैयार हुआ। स्त्री और पुरुष की प्राकृतिक सांस्कृतिकता के मूल तत्वों की संवेदना को उकेरने, तलाशने का प्रयत्न है नाटक कठपुतलियां। एक स्त्री के मातृत्व भाव की नैसर्गिक मौजूदगी के उपरांत तथाकथित बदलते परिवेश में इस महत्वपूर्ण प्रकृति प्रदत्त भाव के क्षीण होते विचारों की पुनः व्याख्या की आवश्यकता इस आत्मकेंद्रित और भौतिक परिवेश में कितनी ज़रूरी है यह नाटक यही रेखांकित करने का प्रयास करता है। जिसकी रचना प्रक्रिया सहज और स्वाभाविक रखने की भी चेष्टा की गयी। अधिकतर नितान्त नये अभिनय कर्मियों के साथ मिलकर बनी यह नाट्य प्रस्तुति राजस्थान की मेवाड़ी बोली , आंचलिक गीतों एवं संगीत के ज़रिए वातावरण को वास्तविकता की प्रतीति के रूप में संयोजित किया गया।

नाटक में रसधारा संस्थान भीलवाड़ा के कलाकार नारायण सिंह, शिवांगी बैरवा, दुष्यंत हरित व्यास, अराधना शर्मा, राहुल रांका,कोमल पारीक,कुलदीप मेड़तिया, प्रभु प्रजापत, विभूति चौधरी, विकास जैन, अंकित शाह , महावीर सेन , दिनेश चौधरी, गरिमा पंचोली, दिव्या ओबेरॉय, रेखा जैन ने अभिनय किया। वहीं मंच सज्जा व मंच सामग्री हर्षित वैष्णव , के जी कदम की थी।

रूप सज्जा- असलम पठान प्रकाश संरचना व संचालन - रवि ओझा संगीत - रवि यादव , हितेश नलवाया , दिव्यांश , करण गुर्जर, शिवांगी बैरवा

संगीत संचालन - अनुराग सिंह प्रस्तुति निर्माण में मार्गदर्शन गोपाल आचार्य , पूर्वा नरेश , रोबोजिता गोगोई का रहा।

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