राजन महाराज के मुखारबिंद से होने वाली रामकथा के बैनर एवं पोस्टर का विमोचन
महामण्डलेश्वर हंसरामजी एवं महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में हुआ विमोचन
भीलवाड़ा । धर्मनगरी भीलवाड़ा में 21 से 29 सितम्बर तक श्री रामकथा सेवा समिति के तत्वावधान में होने वाली नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा आयोजन के लिए बैनर एवं पोस्टर का विमोचन गुरूवार को हरिशेवाधाम उदासीन आश्रम के महामण्डलेश्वर हंसरामजी महाराज एवं संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में किया गया।
हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में आयोजित इस कार्यक्रम में हंसरामजी महाराज ने आशीर्वचन प्रदान करते हुए रामकथा की सफलता के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त की। महन्त बाबूगिरीजी महाराज ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए बताया कि मानस मर्मज्ञ राजन महाराज के मुखारबिंद से भीलवाड़ा में पहली बार रामकथा होने जा रही है। रामकथा सेवा समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि समिति के तत्वावधान में सभी भक्तजनों के सहयोग से ये आयोजन होगा। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को समिति के साथ जोड़ तैयारियां की जा रही है। भगवान राम की भक्ति में होेने वाला ये आयोजन एतिहासिक रूप से सफल हो इसके लिए शीघ्र ही आयोजन समिति की बैठक आयोजित कर सदस्यों को अलग-अलग दायित्व भी सौंपे जाएंगे। पोस्टर एवं बैनर का विमोचन करने वालों में समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज, हरीश मानवानी, सांवरमल बंसल, पंडित अशोक व्यास,पूर्व सभापति मंजू पोखरना,
पीयूष डाड,कन्हैयालाल स्वर्णकार, राधेश्याम सोमाणी, बद्रीलाल सोमाणी, आशा रामावत,श्यामकुमार डाड, राजेश कुदाल,कैलाश प्रहलादका,पवन पंवार,गोपाल झंवर, कृष्ण गोपाल बंसल, श्यामसुंदर समदानी, सुनील काबरा, सौरभ सोमाणी,महेश जाजू, कमल पहलवान आदि शामिल थे।
मकथा के लिए चित्रकूटधाम में तैयार होगा विशाल वाटरप्रूफ डोम
राजन महाराज के मुखारबिंद से होने वाली रामकथा का आयोजन शहर के चित्रकूटधाम में संकटमोचन हनुमान मंदिर पर महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में होगा। रामकथा के लिए हजारों श्रद्धालु बैठ सके ऐसा विशाल वाटरप्रूफ डोम बनाया जाएगा। कथा आयोजन को लेकर शहर में श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। गौरतलब है कि महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में भीलवाड़ा में वर्ष 2022 में ख्यातनाम रामकथा वाचन प्रेमभूषण महाराज के मुखारबिंद से नौ दिवसीय रामकथा का सफल आयोजन हो चुका है। उस आयोजन को मिली अपार सफलता ने भक्तों को फिर से भीलवाड़ा में रामकथा कराने के लिए प्रेरणा प्रदान की।