र्कशॉप डेमोस्ट्रेशन का अंतिम दिन .पल्लवीं में नजर आया ओडिसी का स्वरूप
भीलवाड़ा -स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्युजिक एण्ड कल्चरल अमंग्स्ट यूथ) एवं इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सहयोग से चल रहे वर्कशॉप ड्रेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के अन्तिम दिन आज प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना शान्त की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 7.30 बजे रा.उ.मा.वि. राजेन्द्र मार्ग एवं द्वितीय प्रस्तुति 9 बजे रा.बा.उ.मा.वि. गांधीनगर में हुई।
जानकारी देते हुये राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कैलाश पालिया ने बताया कि शान्त ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत केलुचरण महापारा द्वारा निर्देशित पल्लवीं से करते हुये छात्र-छात्राओं को ओडिसी नृत्य की प्रारंभिक परंपरा को समझाते हुये बटु नृत्य में प्रस्तुत वाद्य यंत्र, मंजीरा सितार, मरदल बांसुरी आदि भाव-भगिओं से कोणार्क के सूर्य मंदिर में स्थित मूर्तियों को जीवन्त कर दिया।
कार्यक्रम के अन्त में मां दुर्गा के मातृत्व स्वरूप एवं दुर्गा के रोद्र स्वरूप को समझाते हुये कहा कि मां जरूरत पड़ने पर वात्सल्य को प्रकट करती है वो कोमल होती है और जरूरत पड़ने पर देवी दुर्गा रणचण्डी भी बन सकती है आदि भावों को दुर्गा स्तुति में समझाया।