भारतीय संस्कृति का पश्चिमी देशों में भी बढ़ रहा आकर्षण - जागेटिया

भीलवाड़ा । हिन्दू जागृति समिति की ओर हरी सेवा संस्कृत विद्यालय में संस्कृति की वैज्ञानिकता पर महामंडलेश्वर स्वामी हंसाराम उदासीन की प्रेरणा से व्याख्यान हुआ। इस मौके पर हिंदू जन जागृति समिति के राजस्थान एवं मध्य प्रदेश समन्वयक आनंद जागेटिया कहा कि भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक है इस कारण पश्चिमी देशों में भी इसका आकर्षण बढ़ता जा रहा है। अंग्रेजों ने भारत पर राज्य करने के लिए हमें गुरुकुल और भारतीय शास्त्रों से दूर किया था। अंग्रेजी शिक्षा पद्धति के प्रभाव में हम तो हमारे अनमोल ज्ञान से विमुख हो गए लेकिन आज पश्चिमी देश उस पर ही शोध करके भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। वर्तमान में ऋषियों की बताई हुई बातों को वैज्ञानिक तथ्य समझकर जीवन में उतारना आवश्यक है। समन्वयक आनंद जागेटिया ने बताया कि मम्मी-डैडी, हेलो ऐसे अनेक शब्द आज हम उपयोग में लाते हैं । जिनका अर्थ विपरीत है। इसके जगह जब हम मां- पिताजी या नमस्कार इन शब्दों का उपयोग करते हैं, तो उसके अर्थ के साथ एक अच्छा भाव भी प्रकट होता है। मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना स्वास्थ्य के लिए गलत है, यह आज डिस्कवरी चैनल बता रहा है लेकिन हमारे संस्कृती में दीप जलाकर तिथि के अनुसार जन्मदिन मनाने के बारे में पहले ही बताया गया है। तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होकर हमारी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, हम दैवी ऊर्जा ग्रहण कर पाते हैं । ऐसी वैज्ञानिक बातों को आचरण करने में लज्जा नहीं, तो अभियान प्रकट होना चाहिए। प्राचार्य कैलाश तिवारी ने बताया कि कहा आज अनेक प्रवचन होते हैं, लेकिन विज्ञान की कसौटी पर प्रमाणित करके युवा पीढ़ी को नहीं बताया जाता । हिंदू जनजागृति समिति द्वारा हो रहा यह वैज्ञानिक कार्य वर्तमान समय की मांग है ।

कार्यक्रम में संस्थान के सचिव ईश्वरलाल आसनानी, पुस्तकालय अध्यक्ष मोहनलाल शर्मा सहित 100 से भी अधिक छात्र और अध्यापक उपस्थित थे।

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