काली काल में मुक्ति पाने का उपाय है आध्यात्मिक रामायण - स्वामी चैतन्यानन्द

भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में चातुर्मास में नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि हमें आध्यात्मिक रामायण के माध्यम से भगवान राम के तत्व स्वरूप को समझना है, इसके लिए आध्यात्मिक रामायण का पठन व संकीर्तन व श्रवण जरूरी है। कलीकाल में मुक्ति पाने का उपाय एवं सभी समस्याओं का हल इसी में है। उपनयन संस्कार के बारे में उन्होंने बताया कि स्नेह और प्यार के लिए बच्चों को 5 वर्ष तक दुलार करें। 10 वर्ष तक अनुशासन सिखाएं। 10 से 15 वर्ष तक व्यवहारिक ज्ञान दे और गलती करने पर दंड दें। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के शुरू में शान्ति पाठ पंडित रमाकांत शर्मा व पंडित सुशील शुक्ला ने कराया । स्वामी का माल्यार्पण ट्रस्ट के पदाधिकारी की ओर से किया गया। श्री राम, जयराम, जय जय राम से रामधाम गुंजायमान रहा। शिवालय में पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू, पंडित घनश्याम, पंडित सुशील शुक्ला के मन्त्रोंचार के बीच अलग अलग समय में अभिषेक किया गया। शिवालय भोले के जयकारों से गुंजायमान रहा। भक्तों का अभिषेक के लिए तांता लगा रहा। ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि रामधाम में चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे से स्वामी चैतन्यानंद गिरी महाराज के प्रवचन हो रहे है । सुबह 10 व शाम 4 बजे शिवालय में भगवान शंकर के परिवार का भव्य श्रृंगार एवं अभिषेक किया जा रहा है ।

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