नए आपराधिक कानून पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

नए आपराधिक कानून पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
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भीलवाड़ा। संगम विश्वविद्यालय के विधि विद्यालय ने नए आपराधिक कानून पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. करुणेश सक्सेना द्वारा की गई, जिन्होंने छात्रों को संबोधित किया और कार्यशाला की महत्वपूर्णता पर चर्चा की। प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. मानस रंजन पाणीग्रही ने छात्रों को प्रोत्साहित किया और उन्हें अध्ययन और उन्नति के लिए प्रेरित किया। रजिस्ट्रार प्रोफेसर डॉ. राजीव मेहता ने इस कार्यशाला को सफलता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि विशाल भार्गव, अतिरिक्त जिला नयायाधीश एवं सचिव , ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण ने छात्रों को नए अपराधिक कानून के बारे में संबोधित करते हुए न्यायिक प्रक्रिया में इन बदलावों के महत्व पर चर्चा की।

कार्यशाला के विशिष्ठ अथिति रिटायर्ड न्यायाधीश शिव कुमार शर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 में हुए परिवर्तन पर छात्रों को मार्गदर्शन दिया। इस कार्यशाला में भीलवाड़ा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता ऋषि तिवारी ने भी नए कानूनों पर चर्चा की।

कार्यशाला की पहली वक्ता डॉ. श्वेता सिंह, सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ लॉ, पुणे से, ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) पर अपने विचार साझा किए। उनके व्याख्यान ने कानून की शिक्षा में नवाचार और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

दूसरी वक्ता डॉ. अनु सोलंकी, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता, ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) पर चर्चा की और न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया।

प्रतियोगिता संयोजक डॉ. ओमप्रकाश सोमकुंवर और सह संयोजक गौरव सक्सेना रहे। इस कार्यक्रम में डॉ. सुनाक्षी शर्मा, अवतार चौबे, शशांक शेखर सिंह, आदित्य दाधीच, वर्तिका मिश्रा, डॉ. गोवर्धन लाल पांडे, डॉ. श्रीजया पाटिल और डॉ. विष्णुप्रिया दाधीच का इस कार्यशाला को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। मंच का संचालन दीक्षा दुग्गर ने किया।

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