मन की बात सुनकर एक पौधा मां के नाम लगाया

मन की बात सुनकर एक पौधा मां के नाम लगाया
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भीलवाड़ा | भाजपा प्रदेश नेतृत्व एवं भाजपा जिला अध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा के निर्देशानुसार भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में मन की बात सुनकर एक पौधा मां के नाम लगाया, भीलवाड़ा शहर का मुख्य आयोजन गणेश मंडल के वार्ड नंबर 17 स्थित ऋषि वाटिका के पास शाइनिंग स्टार स्कूल ,पुलिस लाइन भीलवाड़ा पर रखा गया

मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ओलंपिक हमारे खिलाड़ियों को विश्व पटल पर तिरंगा लहराने का मौका देता है देश के लिए कुछ कर गुजरने का मौका देता है आप भी अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाये. भारत की दुनिया के इस ओलंपिक से अलग , कुछ दिन पहले दिल्ली में भी एक ओलंपिक हुआ है इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड , इस ओलंपियाड में भारत के छात्रों ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है इसमें हमारी टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीता है . इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलम्पियाड में 100 से ज्यादा देशों के युवा हिस्सा लेते हैं और दिल्ली में हुए ओलंपियाड में ओवरऑल हमारी टीम टॉप फाइव में आने में सफल रही है . इन सभी छात्रों ने देश का नाम रोशन किया है.

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने जानकारी देते हुए बताया कि मन की बात एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपनी संस्कृति पर गौरव करते हुए ही कोई देश आगे बढ़ सकता है भारत में भी इस तरह के बहुत सारे प्रयास हो रहे हैं ऐसा ही एक प्रयास है 'प्रोजेक्ट परी' अब आप 'परी' सुनकर कंफ्यूज मत होइएगा यह परी स्वर्ग की कल्पना से नहीं जुड़ी बल्कि धरती को स्वर्ग बना रही है

'परी' यानी 'पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया' प्रोजेक्ट , 'परी' पब्लिक आर्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का बड़ा माध्यम बन रहा है . आप देखते होंगे सड़कों के किनारे दीवारों पर अंडरपास में इससे जहां हमारे सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता बढ़ती है वही हमारे कलर को और ज्यादा पॉपुलर बनाने में भी मदद मिलती है.,उदाहरण के लिए 'दिल्ली के भारत मंडपम' को ही ले लीजिए,नरेन्द्र मोदी ने देश वासियों को संबोधित करते हुए कहा प्यारे देशवासियों 'मन की बात' में अब बात रंगों की , ऐसे रंगो की जिन्होंने हरियाणा के रोहतक जिले की ढाई सौ से ज्यादा महिलाओं के जीवन में समृद्धि के रंग भर दिए , महिलाएं छोटी-छोटी दुकानें और छोटे-मोटे काम कर गुजारा करती थी लेकिन हर किसी में आगे बढ़ाने की इच्छा होती है , इसलिए इन्होंने 'उन्नति' सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ने का फैसला किया और इस ग्रुप से जुड़कर उन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगो में ट्रेनिंग हासिल की , कपड़ों पर रंगों का जादू बिखेरने वाली यह महिलाएं आज लाखों रुपए कमा रही है इनके बनाए बेड कवर , साड़ियां और दुपट्टों की बाजार में भारी मांग है ,देश के कोने कोने में हैंडलूम कारीगरों का काम छाया हुआ है , 7 अगस्त को हम 'नेशनल हैंडलूम डे' मनाएंगे

आजकल जिस तरह हैंडलूम उत्पादों ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है वह वाकई बहुत सफल है जबर्दस्त है. मुझे ये देखकर भी अच्छा लगा की बहुत से लोग अपने यहां के ऐसे लोकल प्रोडक्ट को पॉपुलर बनाने में जुटे हैं आप भी अपने लोकल प्रोडक्ट्स को #माय प्रोडक्ट मी प्राइस के नाम से सोशल मीडिया पर अपलोड करें आपका एक छोटा सा प्रयास अनेक आम लोगों की जिंदगी बदल देगा,साथियों हैंडलूम के साथ-साथ मैं खादी की बात भी करना चाहूंगा. आप में से ऐसे कई लोग होंगे जो पहले कभी खादी के उत्पादों का उपयोग नहीं करते थे लेकिन आज बड़े गर्व से खादी पहनते हैं मुझे यह बताते हुए भी आनंद आ रहा है खादी ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार डेढ़ लाख करोड रुपए के पार पहुंच गया है. खादी की बिक्री कितनी बड़ी है 400 परसेंट. खड़ी की हैंडलूम की यह बढ़ती हुई बिक्री रोजगार के नए अवसर बना रही है और आपने यदि अब तक खादी के वस्त्र नहीं खरीदे इस साल से शुरू कर ले , अगस्त का महीना आ ही गया है यह आजादी मिलने का महीना है क्रांति का महीना है . इससे बढ़िया अवसर और क्या होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'मन की बात' में मैंने अक्सर आपसे ड्रग्स की चुनौती की चर्चा की है . हर परिवार को चिंता होती है कि कहीं उनका बच्चा ड्रग्स की चपेट में ना आ जाए अब ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकार ने एक विशेष केंद्र खोला है जिसका नाम है 'मानस'. ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में यह बहुत बड़ा कदम है कुछ दिन पहले ही 'मानस' की हेल्पलाइन और पोर्टल को लांच किया गया है , सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 1933 जारी किया है इस पर कॉल करके कोई भी जरूरी सलाह ले सकता है या फिर रिहैबिलिटेशन से जुड़ी जानकारी ले सकता है अगर किसी के पास इससे जुड़ी कोई दूसरी जानकारी भी है तो वह इसी नंबर पर कॉल करके कंट्रोल ब्यूरो के साथ साझा भी कर सकते हैं 'मानस' के साथ साझा की गई हर जानकारी गोपनीय रखी जाती है . भारत को ड्रग्स मुक्त बनाने में जुटे सभी लोगों से सभी परिवारों से सभी संस्थाओं से मेरा आग्रह है कि 'मानस हेल्पलाइन' का भरपूर उपयोग करें

मेरे प्यारे देशवासियों कल दुनिया भर में 'टाइगर डे' मनाया जाएगा , भारत में तो टाइगर , बाघ , हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है हम सब बाघ से जुड़े किस्से कहानियां सुनते हुए ही बड़े हुए , जंगल के आसपास के गांव में तो हर किसी को पता होता है कि बाघ के साथ तालमेल बिठाकर कैसे रहना है. हमारे देश में ऐसे कई गांव है जहां इंसान और बाघ के बीच कभी टकराव की स्थिति नहीं आती लेकिन जहां ऐसी स्थिति आती है वहां भी बाघों के संरक्षण के लिए अभूतपूर्व प्रयास हो रहे हैं जन भागीदारी का ऐसा ही एक प्रयास है 'कुल्हाड़ी बंद पंचायत' राजस्थान के रणथंभौर से शुरू हुआ 'कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान' बहुत दिलचस्प है , स्थानीय समुदाय ने स्वयं इस बात की शपथ ली है कि जंगल में कुल्हाड़ी के साथ नहीं जाएंगे और पेड़ नहीं काटेंगे . एक बार जंगल फिर से हरे भरे हो रहे हैं और बाघों के लिए बेहतर वातावरण तैयार हो रहा है.

मुझे खुशी है कि जन भागीदारी , बाघो के संरक्षण में बहुत काम आ रही है ऐसे प्रयासों की वजह से ही भारत में बाघों की आबादी हर साल बढ़ रही है आपको यह जानकर खुशी और गर्व का अनुभव होगा कि दुनिया भर में जितने बाघ है उनमें से 70% बाघ हमारे देश में है , तभी तो हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में कई टाइगर सेंचुरी है. साथियों बाघ बढ़ने के साथ-साथ हमारे देश में वन क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है,पिछले 'मन की बात' कार्यक्रम में आपसे 'एक पेड़ मां के नाम' कार्यक्रम की चर्चा की, मुझे खुशी है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं अभी कुछ दिन पहले स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध इंदौर शहर में एक शानदार कार्यक्रम हुआ यहां 'एक पेड़ मां के नाम' कार्यक्रम के दौरान एक ही दिन में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए. अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाने के इस अभियान से आप भी जरूर जुड़े और सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करें इस अभियान से जुड़कर आपको अपनी मां और धरती मां दोनों के लिए कुछ स्पेशल कर पाने का अहसास होगा

कार्यक्रम में कार्यक्रम में पूर्व जिला अध्यक्ष लादू लाल तेली, जिला संयोजक विजय हिंगोरानी, मंडल अध्यक्ष घनश्याम घनश्याम सिगीवाल, राधेश्याम सोमानी, पूर्व जिला महामंत्री बाबूलाल टाक,ज्योति आशीर्वाद, भेरु मेघवंशी, नरपत सिंह, गोपाल पारीक, लाभ शंकर चौबे ,प्रकाश भील ,अशोक खंडेलवाल, धर्मेश ,हेमंत, पायक गिरिराज मेघवाल ,पवन राठी, राकेश गुर्जर आदि अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे

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