पंचमुखी दरबार से सटी जमीन से अवैध निर्माण नहीं हटा तो धरना देंगे महंत
भीलवाड़ा। श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र पंचमुखी दरबार से सटी जमीन पर कुछ व्यक्तियों द्वारा अवैध निर्माण शुरू हो गया है। यहां निजी कॉलोनी बसाई जा रही है। यदि इस जमीन से अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो धरना दिया जाएगा। यह चेतावनी पंचमुखी दरबार महंत लक्ष्मण दास जी त्यागी ने दी। उन्होंने हरिशेवा धाम के महंत महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन के साथ जाकर जिला कलेक्टर नमित मेहता को पत्र भी सौंपा। उनके साथ संत गोविंद राम हरिशेवा, संत हनुमानराम पुष्कर, नगर परिषद सभापति राकेश पाठक, पार्षद विजय लढ़ा, एडवोकेट नंदकिशोर शर्मा, सुमित चौधरी आदि भी थे। महंत लक्ष्मण दास जी ने पत्र में बताया कि नगर विकास न्यास भीलवाड़ा द्वारा राजस्व ग्राम भीलवाड़ा के आराजियात नं.1617, 1619, 1620, 1621, 1622, का हीरा लाल पुत्र देव लाल जाट के खातेदारी अधिकारों की भूमि का आवासीय प्रयोजनार्थ ले-आउट प्लान 6 अटूबर 2021 को अनुमोदिन किया गया था। इसे नगर विकास सचिव भीलवाड़ा ने पंचमुखी दरबार की आपत्ति के आधार पर प्रकरण दर्जकर एवं न्यास द्वारा तिलक नगर योजना के सेटर 12 का स्वीकृत प्लान 19 मई 2003 के विपरीत होने से निरस्त कर दिया गया था। उक्त प्लान 19 मई 2003 जो यूआईटी अध्यक्ष, सचिव, उप नगर नियोजक द्वारा प्रस्तावित प्लान जिसमें पंचमुखी दरबार के पास उक्त आराजियात को रिलिजियस उपयोग हेतु रिजर्व किया गया था।
उक्त विवादित आराजियात न्यास के तिलक नगर योजना के सेटर नं. 12 के प्लान में आवासीय प्रयोजनार्थ नहीं है। इस कारण इसका नवीन ले आउट प्लान खातेदार के हक में नहीं किया जाए। उक्त आराजियात का ले-आउट प्लान न्यास द्वारा निरस्त कर देने के कारण न्यास द्वारा दिए गए पट्टे स्वत: ही निरस्त हो गये हैं। फिर भी कुछ व्यक्तियों द्वारा अवैध र्निाण किया जा रहा है। इसे तुरन्त रुकवाकर मौके से अवैध निर्माण हटवाया जाए। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो कानूनी पेचिदगियां बढ़ जायेगी। महंत लक्ष्मण दास ने बताया कि उक्त रिजर्व भूमि पंचमुखी दरबार नृसिंहद्वारा स्थान देह से लगती हुई है। इस कारण उक्त रिजर्व भूमि पंचमुखी दरबार को निशुल्क आवंटित की जाए। पंचमुखी दरबार उक्त रिजर्व भूमि का रिलिजियस उपयोग करेगा योंकि यह भूमि रिलिजियस उपयोग हेतु ही रिजर्व की गई है।