मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री व टेक्स बार एसोसियेशन की पोस्ट बजट सेमीनार आयोजित

भीलवाडा । केंद्रीय बजट में मध्यम वर्गीय आयकर दाताओं को आयकर में राहत दी गई है। लेकिन कैपिटल गेन पर कर वृद्धि से शेयर बाजार में निवेश करने वाले मध्यम वर्गीय आय वालों को कुछ नुकसान होगा। साथ ही गैर सरकारी क्षेत्र में पेंशन स्कीम में एम्पलॉयर कॉन्ट्रीब्यूशन में 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत तक आयकर में छूट का प्रावधान किया गया है। किसी व्यक्ति, उद्योग या कॉरपोरेट से किराये पर दिये गये हाउस प्रोपर्टी को अब बिजनेश इन्कम माना जाएगा। पूर्व में इसे हाउस प्रोपर्टी से आय माना जाकर डेप्रिशियेशन आदि की ली जाने वाले छूट अब नही मिलेगी। आयकर मे सबसे बडा परिवर्तन बाई-बैक ऑफ शेयर्स में किया गया है। अब बाई-बैक शेयर्स से होने वाली आय को डिवीडेन्ट इनकम माना जाकर कर लगाया गया है। पूर्व में इस तरह की आय को कैपिटल गेन माना जाकर भविष्य में कैपिटल लॉस से समायोजित योग्य होती थी। इससे अब बाई-बेक शेयर्स से होने वाली आय पर काफी अधिक कर दायित्व होगा। साथ ही किसी भी कम्पनी की ओर से गिफ्ट के रुप में दिये शेयर्स अब केपिटल गेन माने जाएगे। यह जानकारी आयकर विशेषज्ञ जयपुर के कालानी एण्ड कम्पनी मेनेजिंग पाटर्नर पी सी परवाल ने मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री एवं टेक्स बार एसोसियेशन की ओर से आयोजित पोस्ट बजट सेमीनार में दी। 1 अक्टूबर 2024 से टीडीएस के 194 एच के तहत कमीशन या ब्रोकरेज पर टीडीएस 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है।

परवाल ने बताया कि आयकर से संबंधित विवाद एवं मुकदमों को कम करने के लिए विवाद से विश्वास स्कीम 2024 लायी गई है। यह पुराने विवाद को सुलझाने का सुअवसर है। इसके तहत 1 फरवरी 2020 से 22 जुलाई 2024 तक के विवादित प्रकरणों में असेसी की अपील के मामले में शत प्रतिशत देय कर, विभाग की अपील में 50 प्रतिशत देय कर जमा करने से ब्याज, पेनल्टी आदि से छूट मिलेगी। विवादित ब्याज, पेनल्टी, फीस आदि के प्रकरण में असेसी की अपील के मामले में 25 प्रतिशत विवादित ब्याज आदि जमा करने पर, विभाग की अपील में 12.50 प्रतिशत देय राशि जमा कराने पर प्रकरण समाप्त किया जा सकता है। ब्याज, पेनल्टी के 2020 से पूर्व के प्रकरणों में यह राशि क्रमशः 30 एवं 15 प्रतिशत होगी।

अप्रत्यक्ष कर पर जानकारी देते हुए जयपुर के सीए रंजन मेहता ने बताया कि इस बजट में जीएसटी के तहत विवाद या लिटिगेशन को समाप्त करने के लिए विभिन्न सेक्शनों में कई संशोधन किये गये है। जीएसटी काउंसिल की बजट पूर्व बैठक में लिये गये निर्णयों को मूर्त रूप दिया गया है। इससे जीएसटी असेसी को काफी राहत होगी।

सीए विनित दरडा ने कस्टम ड्यूटी की दरों में परिवर्तन एवं विभिन्न प्रावधानों में परिवर्तन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आर सी लोढा ने कार्यशाला का संचालन किया। टेक्स बार एसोसियेशन के अध्यक्ष सीए के सी तातेड ने धन्यवाद दिया। कार्यशाला में राकेश सोमानी, अनिल मिश्रा, सुधीर गर्ग, ए के सोमानी, बी बी गुप्ता, मनीष जिंदल, निर्भिक गांधी, सुशील सुराना सहित भीलवाडा, चित्तौड़गढ़, कांकरोली आदि के सभी प्रमुख सीए एवं आयकर विशेषज्ञ उपस्थित थे।

Next Story