बरसात से जलभराव के निस्तारण के लिए समस्त व्यवस्थाएं दुरुस्त करें अधिकारी- कलक्टर
भीलवाड़ा, 2 अगस्त। जिला कलक्टर नमित मेहता ने जिले में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में तैयारियां सुदृढ़ करने के संबंध में सभी एसडीएम और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी फील्ड पर जाकर स्थिति का जायजा लें तथा आपदा की स्थिति में आमजन को तुरंत राहत सुनिश्चित करें।
बैठक में निर्देश दिए गए कि ईमारतों के बेसमेन्ट, कोचिंग सस्थानों, शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक भवनों आदि में जल भराव की स्थिति न हो, यह सुनिश्चित किया जावें। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अंडरब्रिज, बस्तियों आदि में पानी भराव की स्थिति से निपटने के लिए मड़पम्प व अन्य संसाधनों की तत्काल घटनास्थल पर उपलब्धता के लिए निर्देशित किया गया।
नगर निकायों के अधिकारियों को कचरा संग्रहण की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि गंदगी इकठ्ठी न हों और आमजन को समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही सड़कों की मरम्मत, नालों की सफाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए।
बच्चों की आवाजाही पर रखें निगरानी
जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव वाले क्षेत्रों का आंकलन कर समुचित इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। इन जगहों पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएं तथा आमजन विशेषकर बच्चों की आवाजाही की लगातार निगरानी की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रार्थना सभा में बच्चों को बांध, तालाब आदि क्षेत्रों में ना जाने और नहाने से बचने के लिए जागरूक किया जाए।
पुराने एवं जर्जर भवनों का चिन्हीकरण करें
मेहता शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के वीसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन पर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी उपखंड अधिकारियों व नगर परिषद ईओ को निर्देश दिए कि पुराने एवं जर्जर भवनों का चिन्हीकरण कर लें, साथ ही ऐसे भवनों को खाली कराने और वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया, जिससे किसी भी प्रकार की क्षति को समय से रोका जा सके। साथ ही अतिवृष्टि से प्रभावित आमजन को अस्थाई रूप से ठहराने के लिए स्कूल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन की उपलब्धता के संबध में निर्देशित किया गया।
बैठक में जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि जिले के जुड़ का नाका (बिजौलिया), डामटी कोकडा (माण्डलगढ़), गोवटा बांध (माण्डलगढ़), जेतपुरा बांध (माण्डलगढ़) बांध 80 प्रतिशत या अधिक क्षमता तक भर चुके हैं। जिला कलक्टर ने इन क्षेत्रों में डाउनस्ट्रीम के गांवों में विशेष सावधानी के लिए एसडीएम को निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों को बारिश के मौसम में बांधों के जलस्तर की निगरानी, सफाई व्यवस्था, उचित यातायात प्रबंधन, पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं सहित विभिन्न सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
पर्याप्त मेडिकल किट व जीवन रक्षक दवाईयां की उपलब्धता
मेहता ने बैठक में सीएमएचओ व ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्याप्त मेडिकल किट व जीवन रक्षक दवाईयां की उपलब्धता, मोबाइल चिकित्सा दल की उपलब्धता व चिकित्सा केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएं। साथ ही बरसात के बाद गड्ढ़ों या अन्य स्थानों जहां-जहां पर भी पानी भरा रहता है, वहां कीटनाशक का छिड़काव एवं फोगिंग करवाने हेतु व्यवस्था की जावें।
मेहता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मीडिया में आ रही वर्षाजनित हादसों की खबरों पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें। उन्होंने संबंधित विभागों को प्रभावित क्षेत्रों में धंसी सड़कों, टूटी नालियों के मरम्मतीकरण के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करें ताकि आमजन को शीघ्र सहायता उपलब्ध हो सके।
नियंत्रण कक्ष 01482-232671
जिला स्तर पर बाढ़ व जल भराव सहित समस्याओं के निस्तारण के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। आमजन अपने क्षेत्र से संबंधित जल भराव जैसी समस्याओं के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष संख्या 01482-232671 पर सूचित कर सकते हैं।