संसार से मुक्त होने के लिए जीवन को बनाए सरल व अहंकाररहित- आचार्य सुंदरसागर

संसार से मुक्त होने के लिए जीवन को बनाए सरल व अहंकाररहित- आचार्य सुंदरसागर
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भीलवाड़ा। संसार में जब तक कोई भी जीव रहेगा तब तक उसका कोई न कोई गुणस्थान रहेगा। हमे संसार में अटके नहीं रहना है बल्कि संसार से पार जाने के लिए भगवत्ता प्रकट कर सिद्धत्व को प्राप्त करना है। हमे गुणस्थान पाने के लिए कोई परीक्षा नहीं देनी है बल्कि हमे गुणस्थान का परीक्षण स्वयं करना है कि हमारे भाव किधर जा रहे है। ये विचार शहर के शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में चातुर्मासिक प्रवचन के तहत शुक्रवार को राष्ट्रीय संत दिगम्बर जैन आचार्य सुंदरसागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि असंख्यात लोक प्रमाण भाव होते है जिन्हें 14 गुणस्थान में सीमित कर दिया गया है। भावों के मापदंड को बांट दिया गया है। जैसे हमारे भाव होंगे वैसा ही हमारा गुणस्थान होगा।

आचार्य ने कहा कि हम अपनी विशुद्धि बढ़ाएंगे, कषाय व मोह कम करेंगे, जिनेश्वर भक्ति में लीन हो जाएंगे तो हमारा गुणस्थान अपने आप बढ़ेगा। हमे गुणस्थान से पार होना है उसका अतीत होना है। ऐसा होने के लिए जरूरी है कि हमारे जीवन में कभी अहंकार का भाव नहीं रहे न ही हम किसी पर क्रोध करे। दूसरी की सफलता व उपलब्धियों पर कभी द्रेष की भावना मन में नहीं होनी चाहिए। सरलता का भाव रखते हुए जीवन में आगे बढ़ेगे तो हमारे गुणस्थान भी आगे जाएंगे ओर हम संसार सागर से भी तिर जाएंगे। जीवन में अहंकार व अभिमान भाव पतन का कारण होते है इसलिए सदा इनसे बचना चाहिए।

श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि सभा में दिनेश सेठिया परिवार, भागचंद दीपेश पाटनी परिवार, पदमकुमार, नितेश हितेश पाटनी परिवार का चातुर्मास में मंगलकलश पुण्यार्जक बनने पर समाज द्वारा स्वागत अभिनंदन करते हुए इस पुनीत कार्य के लिए हार्दिक अनुमोदना की गई। मंगलाचरण की प्रस्तुति श्रीमती प्रेरणा जैन ने दी। महावीर सेवा समिति एवं बाहर से पधारे अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वल करने के बाद आचार्य गुरूवर का पाद प्रक्षालन कर उन्हें शास्त्र भेंट किए गए।

समिति के मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि वर्षायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला के तहत प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे भगवान का अभिषेक शांतिधारा, सुबह 8.15 बजे दैनिक प्रवचन, सुबह 10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, शाम 6.30 बजे शंका समाधान सत्र के बाद गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन हो रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रवचन लाभ पाने के लिए श्रावक-श्राविकाएं सुपार्श्वनाथ पार्क पहुंच रहे है।

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