हम सौभाग्यशाली हैं जो ऋषि-मुनियों की तपस्थली भारत में जन्म लिया- स्वामी चैतन्यानन्द
भीलवाड़ा। विद्यालय एक ज्ञान का झरना है। हम सौभाग्यशाली हैं की हमने ऋषि-मुनियों की तपस्थली भारत में जन्म लिया। आप सभी विद्यार्थी भाग्यशाली है की आप राजकीय विद्यालय में बेहतर अनुशासन में रहकर विद्यार्जन कर रहे है। यह बात स्वामी चैतन्यानन्द ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजेन्द्र मार्ग में 2400 छात्रो के बीच कही। श्री केशव स्मृति सेवा प्रन्यास व श्री रामधाम रामायण मण्डल ट्रस्ट के संस्कार प्रकल्प के तहत हुए संत ने कहा कि विद्या अध्यनन जमीनी जल स्त्रोत से जल पाने के समान हैं। जो मेले पानी को ग्रहण कर स्वच्छ जल देता है। झरने जाकर नहाने वाला नहाता है। कोई मुंह साफ करता है कोई कुल्ला करता है फिर भी जमीन से जल स्वच्छ ही निकलता है। विद्यार्थी की वाणी में मधुरता का भाव, सौम्यभाव होना चाहिए। अच्छी संगत में रहकर जीवन रुपी नैया को पार करना है। कार्यक्रम में प्रिंसिपल डॉ. श्यामलाल खटीक ने अध्यक्षता की। विद्यालय परिवार ने संत का अभिनंदन किया।