विश्व की सबसे समृद्ध भाषा है संस्कृत- डॉ. जांगिड़
हमीरगढ़ (अल्लाउद्दीन मंसुरी) सेठ घासी लाल सामर राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय हमीरगढ़ में संस्कृत सप्ताह समापन समारोह सहित विश्व संस्कृत दिवस का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष व विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. कृष्ण गोपाल जांगिड़ ने बताया कि विश्व संस्कृत दिवस प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन को इसीलिए चुना गया था कि इसी दिन प्राचीन भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था। इसी दिन वेद पाठ का आरंभ होता था तथा इसी दिन छात्र शास्त्रों के अध्ययन का प्रारंभ किया करते थे।
पौष माह की पूर्णिमा से श्रावण माह की पूर्णिमा तक अध्ययन बन्द हो जाता था। प्राचीन काल में फिर से श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन चलता था, वर्तमान में भी गुरुकुलों में श्रावण पूर्णिमा से वेदाध्ययन प्रारम्भ किया जाता है। इसीलिए इस दिन को संस्कृत दिवस के रूप से मनाया जाता है। आजकल देश में ही नहीं, जर्मनी आदि विदेशों में भी इस दिन पर संस्कृत उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि युग प्रदीप सिंह जी राव साहब व विशिष्ट अतिथि को-ऑपरेटिव सोसाइटी चेयरमैन जगदीश जी व नवरतन जी सामर रहे ।अतिथियों ने देवभाषा व विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक संस्कृत भाषा के प्रचार- प्रसार की अत्यन्त आवश्यकता बताई । कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक बेणु गोपाल पंचोली ने किया ।
समारोह में संयोजिका अर्पिता त्रिपाठी सहित प्राध्यापक अशोक कुमार जैन , नरेन्द्र महर्षि, निशा शर्मा , राकेश खटीक, ताराचन्द जैलिया, फरजाना बानो, विद्या सुरागी, गणपत लाल , हेमा सेन, संतोष देवी व बसन्ती देवी आदि लोग मौजूद रहे । संस्कृत सप्ताह की गति विधियों की बच्चों ने उत्साह पूर्वक प्रस्तुतियाँ दी । अतिथियों ने प्रतिभावान छात्र- छात्राओं को पुरस्कृत किया ।