श्री बाबाधाम में उमड़ा जन सेलाब, सहस्त्रधारा, रूद्राभिषेक व राखी महोत्सव मनाया

श्री बाबाधाम में उमड़ा जन सेलाब, सहस्त्रधारा, रूद्राभिषेक व राखी महोत्सव मनाया
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भीलवाड़ा। श्री बाबा धाम पर सहस्त्रधारा, रूद्राभिषेक व राखी महोत्सव श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया। अध्यक्ष विनीत अग्रवाल के सानिध्य में मंदिर पर ऋण मुक्तेश्वरी गौरी शंकर महादेव का विशेष श्रृंगार किया गया, इस स्थान की महिमा ऐसी है कि प्रत्येक गुरूवार को चने की दाल महादेव जी के चढ़ाई जाती है जिससे पितृ ऋण, मातृ ऋण, सखा ऋण से मुक्ति मिलती है। चने की दाल मंदिर की तरफ से निःशुल्क उपलब्ध होती है। भारत देश का यह पहला शिवलिंग है जिसमें श्री शिवजी, माता पार्वती जी व श्री गणेश जी एक ही शिवलिंग में विद्यमान है।

श्री बाबा धाम पर शिव दरबार को विश्वास आकर्षक रंग बिरंगी झिलमिल मनमोहक लाईटिंग, फरियों और फल फलों से सजावट की गयी। श्री बाबा धाम मंदिर में सुबह से ही भक्त महादेव की भक्ति में रम गये। पूरे मंदिर प्रांगण में हर हर महादेव भोले बाबा के जयकारें गुंजने लगे। श्री बाबाधाम के पण्डित गौतम गोविन्द, पं. शिवप्रकाश जोशी व योगेन्द्र शर्मा द्वारा मंत्रोच्चारण व विधि विधान से पूजा अर्चना प्रारम्भ हुई।

सांयकाल 1008 किलो दूध का रूद्राभिषेक प्रारंभ हुआ, इसके अलावा भगवान की बिल्वपत्र, आक के फुल, धतुरा आदि से पूजा की गई। जल, दूध, पंचामृत, गन्ने का रस आदि से शिव भगवान का अभिषेक किया गया। हजारों भक्तों ने ऋणमुक्तेश्वर गौरी शंकर महादेव के रूद्राभिषेक के साथ ओम नमः शिवाय, हर हर महादेव की जयघोष के साथ अपनी मनो कामना पूर्ण की। इन सभी भावनाओं के साथ रूद्राभिषेक किया गया। सभी भक्तों के लिए दुध की व्यवस्था मंदिर प्रांगण में निःशुल्क की गयी। श्री माँ अन्नपूर्णा वैष्णों देवी का श्रृंगार किया गया। महिला मण्डल द्वारा भजन कार्यक्रम के तहत कई भजन गाये गये जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।

कष्ट निवारण के लिये पूरे वर्ष में एक बार ही माँ मंशापूर्ण माताजी के त्रिशुल पर राखी बांधने का अवसर मिलता है, त्रिशुल पर राखी बांधने के लिये श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। राखी मंदिर ट्रस्ट द्वारा निःशुल्क उपलब्ध थी। सांयकाल सहस्त्रधारा, रूद्राभिषेक के बाद महाआरती हुई। आरती के पश्चात् सभी भक्तों को ठण्डाई प्रसाद बांटा गया।

ठण्डाई भगवान के चढ़ाये गये दुध से ही बनाई गयी। सभी सेवादारों के द्वारा सेवाएं दी गयी। हजारों भक्तों के आने के बाद भी सभी भक्तजनों को आराम से दर्शन व सहस्त्रधारा रूद्राभिषेक आसानी से किया और पुनः मंदिर प्रारंभगण में भोले के साथ जय माता दी, जय बाला की, जय बाबा की के घोष गुंजे। इस सहस्त्रधारा रूद्राभिषेक व राखी महोत्सव मंे हजारों भक्तजनों ने पधार कर धर्म का लाभ लिया।

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