दंडवत प्रणाम करने से व्यक्ति जीवन के असली अर्थ को समझ पाता- स्वामी चैतन्यानंद

भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में जारी चातुर्मास प्रवचन में नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि दंडवत प्रणाम करने से व्यक्ति जीवन के असली अर्थ को समझ पाता है हमारी संगति अच्छे की होनी चाहिए है वैभव सम्पन्नता जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए और आगे की दिशा में बढ़ पाता है। व्यक्ति के भीतर समान भाव की प्रवृत्ति जागृत होती है और अभिमान खत्म हो जाता है।दंडवत प्रणाम करने से अहम नष्ट होता है, ईश्वर के निकट पहुंचने का रास्ता है दंडवत प्रणाम। मन में दया और विनम्रता जैसे भाव पनपने लगते हैं। आत्मविश्वास बढ़ाने में अष्टाङ्ग नमस्कार सहायक होता है । मसल्स के स्टिम्युलेशन और एक्टिव प्रयोग से पीठ मजबूत होने लगती है। व्यक्ति अपने शरीर में ऊर्जा महसूस करने लगता है।

ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के शुरू में विष्णु सहस्त्रनाम पाठ किया गया। श्री राम, जयराम, जय जय राम से रामधाम गुंजायमान रहा। संत राजेश्वरानंद हरिद्वार के श्री मुख से शिवालय में शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ हुआ। पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू, पंडित घनश्याम, पंडित सुशील शुक्ला के मन्त्रोंचार के बीच अभिषेक हुआ। शिवालय भोले के जयकारों से गुंजायमान रहा । चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे से स्वामी चैतन्यानंद गिरी महाराज के प्रवचन हो रहे है । सुबह 10 व शाम 4 बजे शिवालय में भगवान शंकर के परिवार का भव्य श्रृंगार एवं अभिषेक किया जा रहा है ।

साप्ताहिक रामायण पाठ में उमड़े भक्त

श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से इस रविवार को साप्ताहिक रामायण पाठ का आयोजन गुलमंडी टिक्कीवाल की गली में चारभुजा नाथ मंदिर में किया गया। प्रभारी शिवप्रकाश लाठी ने बताया कि साप्ताहिक रामायण पाठ के तहत अंताक्षरी, सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कीर्तन आदि हुए। पाठ में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।

Next Story