सावन के समापन पर रामधाम के शिवालय में गूंजे भोले के जयकारे



भीलवाड़ा । श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में जारी चातुर्मास प्रवचन में नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि अहंकार और अभिमान व्यक्ति को जीवन में कभी आगे बढ़ने नहीं देते है। हम सब भगवान का ही कार्य करते हैं। बर्फ और पानी, पानी अभिमान का और बर्फ अहंकार का प्रतीक होता है। अगर हम बर्फ की तरह कठोर हो जाएंगे तो हम भी अहंकारी कहलाएंगे। हमें अपने मन बुद्धि को संतुलित रखना चाहिए। सुख दुख को समझना चाहिए। आध्यात्म रामायण पर विवेचन करते हुए संत श्री ने राष्ट्रीय एकता के पर्व, भाई-बहन के स्नेहिल रिश्ते के बहुरंगों और प्रेम को दर्शाने वाले पर्व रक्षाबंधन को आपस के भेदभाव को मिटाकर पुनः संबंधों को बनाने वाला पर्व बताया। उन्होंने कहा कि "येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल: ।""तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।।"अर्थात जिस सूत्र से पराक्रमी राजा बलि धर्म के लिए प्रतिबद्ध हुए थे तुम भी उसी प्रकार अपने कर्तव्यों के प्रति चलायमान। उन्होंने सभी को भाई बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि श्रावण मास में 62 अभिषेक ट्रस्ट की ओर से करवाए गए। चातुर्मास प्रवचन 17 सितंबर तक चलेंगे। उधर सावन के अंतिम दिन सोमवार को प्रवचन के शुरू में विष्णु सहस्त्रनाम पाठ किया गया। श्री राम, जयराम, जय जय राम से रामधाम गुंजायमान रहा। संत राजेश्वरानंद हरिद्वार के श्री मुख से शिवालय में शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ हुआ। पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू, पंडित घनश्याम, पंडित सुशील शुक्ला के मन्त्रोंचार के बीच अभिषेक हुआ। शिवालय भोले के जयकारों से गुंजायमान रहा । चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे से स्वामी चैतन्यानंद गिरी महाराज के प्रवचन हो रहे है । राम धाम में शिवनारायण अभिषेक अग्रवाल की ओर से विश्व शांति की कामना के लिए यज्ञ करवाया गया। भगवान राम रामेश्वरम का राखियों से श्रृंगार किया गया।

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