श्री तिलस्वां महादेव में श्रावणी पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया

श्री तिलस्वां महादेव में श्रावणी पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया
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बिजोलिया | सावन मास की सोमवती पूर्णिमा के मौके पर तीर्थ नगरीश्री तिलस्वां महादेव में श्रावणी पर्व श्रद्धा पूर्वक मनायाश्री तिलस्वां महादेव में श्रावणी पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस दौरान पूरे साल पवित्र कुंड में श्रद्धालुओं का स्नान कराने वाले ब्रामणो , वेद पाठी व महंत, पुजारी ट्रस्टीयों ने ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोचारण के बीच तिलस्वां स्थित पवित्र कुंड में शारीरिक, मानसिक व आत्मशुद्धि के लिए दसविधि हेमाद्री स्नान किया। श्रावणी उपाकर्म का आयोजन बिजोलियाँ स्थित मंदाकनी कुंड सहित

घाटों पर किया गया। मुख्य रूप से कुंड पर पंडित छीतर गोड़ के वैदिक मंत्रोचार के साथ पुजारी, ट्रस्टी , ब्राह्मण कुलीन बड़े-बुजूर्गों ने वैदिक विधि से प्रायश्चित संकल्प, सूर्याराधन, तर्पण, सूर्योपस्थान, अग्रिहोत्र व ऋषि पूजन किया।

साथ ही गौमूत्र, गोबर, दूध, दही, शक्कर, भस्म, स्वर्ण, तूसा, फल आदि का अपने शरीर पर स्पर्श कर सरोवर में परपंरागत रूप से दसविधि हेमादी स्नान किया। इसके बाद यज्ञ शाला मे वैदिक मंत्रोचार के साथ हवन कुंड मे आहुतियां दी गई।

पंडितो ने गायत्री मंत्र का जाप कर पुरानी जनेऊ का त्याग कर नई जनेऊ धारण की। पंडितों का कहना है कि यज्ञोपवित धारण करने वाले व्यक्ति को प्रतिवर्ष श्रावणी कर्म करना चाहिए। हेमाद्री स्नान से आत्मशुद्धि होती है तथा तर्पण से पितरों की तृप्ति होती है। इस मौके पर पुजारी प्रतिनिधि भवानी शंकर पाराशर, ट्रस्ट अध्यक्ष रमेश चंद्र अहीर, सचिव मांगीलाल धाकड़,पंडित राकेश शर्मा, मनीष व्यास , मुकेश व्यास,कैलाश शर्मा सहीत कई लोग उपस्थित थे।

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