जप और ध्यान शांत और एकाग्र भाव से करें - स्वामी चैतन्यानंद
भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में जारी चातुर्मास प्रवचन में नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि जप ध्यान शांति से मन लगाकर एकाग्र भाव से करना चाहिए। आसन लगाकर प्रभु के सामने पद्मासन की मुद्रा में एकाग्र होकर बैठना चाहिए। ध्यान के दौरान बीच में किसी से बात नहीं करनी चाहिए। संत वाल्मीकि ने जाप किया उल्टा नाम जपते हुए राम-राम बोला और दुनिया के अद्भुत ग्रंथ रामायण को रचा। अक्षर जपने से नेक कार्य संभव है। मनुष्य को इसीलिए रामायण जीवन जीने की कला सिखाती है। मनुष्य का ललाट कभी खाली नहीं रहे यह आज्ञा चक्र को प्रभावित करते हुए ऊर्जा भर देता है। सभी को तिलक अवश्य लगाना चाहिए। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के दौरान कीर्तन गोपाला गोपाला देवकीनंदन गोपाला, नंदलाला नंदलाला यशोमती नंदन नंदलाला से रामधाम गुंजायमान रहा। वह सेवा के तहत रामधाम की गौशाला में गायों को लापसी पूसा लाल मानसिंहका, ललित एवं भावेश नवाल ने खिलाई । भवन निर्माण में सहयोग दीपक मानसिंहका, मनोज व इंदु राठी ने किया।चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे से प्रवचन हो रहे है ।