हमीरगढ़ इको पार्क में पर्यटकों के लिए तैयार है आसमान छूते झूले
भीलवाड़ा। हमीरगढ़ वन क्षेत्र का कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र स्थित हमीरगढ़ इको पार्क में इंडोनेशिया के प्रसिद् बाली स्विंग (आसमान का छूते झूले) अब पर्यटकों के लिए तैयार हैं। उच्च स्तरीय तकनीकी टीम की मंजूरी के बाद झूले पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। झूले के नीचे के हिस्से में भी पर्यटक सुरक्षित रहे, इसलिए सुरक्षा का बड़ा जाल बिछाया गया है। दूसरी तरफ बैंकाक के ट्री हाउस की तर्ज पर यहां ट्री हाउस बनाए हैं।
यहां पार्क में एक साथ तीन बाली स्विंग लगाए हैं। इनकी फिटिंग विशेषज्ञों की मौजूदगी में कर दी गई। उच्च स्तरीय तकनीकी टीम के अंतिम प्रशिक्षण के बाद इसे दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा। झूले की कुल लबाई तीस फीट है। यह तीस फीट से अधिक की ऊंचाई तक आसमां में जाएगा। यहां पर्यटक के लिए स्पेशल सिक्यूरिटी लॉक भी होगा। झूले के नीचे के हिस्से में पचास फीट गहरी खाई है। इस खाई के ऊपर जाल बिछाया गया है। इससे आपात स्थिति में पर्यटक को बचाया जा सकेगा।
भीलवाड़ा उपवन संरक्षक गौरव गर्ग ने बताया कि हमीरगढ़ इको पार्क में बैंकाक के टूरिस्ट पैलेस की भांति पेड़ों पर लकड़ी के अस्थायी मकान, इंडोनेशिया की तरह लंबे झूले लगाए है। यहां लवकुश वाटिका में दो प्रतिमा भी लगाई है। दो खास झोपड़ी है। जल्द ही झूले, ट्री हाउस पर्यटकों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
इको पार्क प्रभारी हरीशंकर विश्नोई बताते है कि यहां पार्क में पेड़ों की झुरमुट के बीच दो ट्री हाउस बनाए गए। यहां दोनों में खास सुविधा जुटाई जाएगी। इसी प्रकार चार किमी लबा वॉकिग ट्रैक है। साढ़े चार किमी लबा साइकिल ट्रैक बनाया है। कैंपियन साइट में अभी दो झोपड़ी बनी है। वनखंड में दर्शनीय क्षेत्र जगमग रहे, इसलिए तीस स्ट्रीट सोलर लाइट लगाई है। एक सोलर सिस्टम भी लगाया है।