गणपति यज्ञ में आहुति से मनवांछित फल की प्राप्ति - संघ प्रचारक सुरेश भाई
भीलवाड़ा। परम पूज्य माधव को विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से नौगांवा स्थित माधव गौशाला में गणपति महायज्ञ का आयोजन 28 अगस्त को सुबह 8:00 से किया जाएगा। पंडित रमाकांत, पंडित सुशील, पंडित प्रेमप्रसाद, पंडित राम प्रसाद सहित 11 विद्वान पंडित 21 जोड़ो को मंत्र उच्चारण के बीच यज्ञ में आहुतियां दिलवाएंगे। इस महायज्ञ को लेकर हुई बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व माधव गौशाला के संस्थापक मार्गदर्शक सुरेश भाई ने बताया कि अर्थ वेद में कहा गया गणपति यज्ञ करने वाला 1000 बूँदी के लड्डू की पावन यज्ञ में आहुति देने से यश, मान-सम्मान, प्रसिद्धि और मनोवांछित सभी फल प्राप्त करता है। यज्ञ बलि से सभी कुछ प्राप्त होता है, सूर्य समान तेजस्वी बधाओं से मुक्ति मिलती है। उन्होंने देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना को लेकर यज्ञ में बैठने का आह्वान किया। यज्ञ गौशाला की रसायन शाला में शाम 4:00 बजे तक चलेगा। यज्ञ में घी, साकल्य, गाय के गोबर के कण्डो, कपूर, चावल, गूगल, के साथ लड्डू की आहुतियां दी जाएगी। कार्यक्रम को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। भोजन समिति में मदन धाकड़, अभिषेक समिति में अभिषेक जैन, पूजा अर्चना समिति में दीपक पाराशर, भोजन वितरण समिति में हेमंत शर्मा, अनुष्ठान समिति में सत्यप्रकाश गगड़ को प्रमुख बनाया गया। संत उत्तम महाराज के सानिध्य में कार्यक्रम होगा। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि मंदिर में राधा अष्ट्मी पर 11 सितम्बर को मां भारती ग्रुप की अलका जोशी, मंजू तंबोली, वंदना ओझा सहित माता बहनों की ओर से दोपहर 12:15 बजे भजन कीर्तन होंगे। माता बहनों की ओर से घरों से लाए गए मिष्ठान से छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी और राधा अष्टमी पर विशेष झांकी के दर्शन होंगे। शाम को 4:15 बजे छप्पन भोग की आरती कर प्रसाद vitrit किया जाएगा। मंदिर में जलझूलनी एकादशी मेला 11 से 14 सितंबर तक भरेगा। वृंदावन के कलाकारों की ओर से फूल बंगला सजाया जाएगा, विद्युत सज्जा एवं विग्रह की अनेक झांकिया बनाई जाएगी। जलझूलनी एकादशी पर बेवाण निकाला जाएगा। गंगा की तर्ज पर महाआरती होगी। इन कार्यक्रमों को लेकर संरक्षक डीपी अग्रवाल, अध्यक्ष राजकुमार बम्ब, सचिव सत्य प्रकाश गगड़, गोविंद प्रसाद सोडाणी, भंवरलाल दरगड, मदनलाल धाकड़, गौशाला व्यवस्थापक अजीत सिंह आदि जुटे है।