शिक्षा व्यवस्था का हाल: एक कमरा, एक समय में हिंदी, गणित और साइंस की पढ़ाई
बनेड़ा (हेमराज तेली) । 3 कमरों में चल रहा उच्च माध्यमिक विद्यालय। 415 बच्चें और पढ़ाने के लिए 19 शिक्षक। ये शिक्षा व्यवस्था के हालात है बल्दरखा ग्राम में। इससे ना बच्चो की पढ़ाई ठीक से हो पा रही है और ना ही शिक्षको का इस्तेमाल।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बल्दरखा में 3 कमरों में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है, यहां पर्याप्त संख्या में शिक्षक तो हैं लेकिन कमरें न होने की वजह से पढ़ाई बाधित हो रही है। 3 कमरें में 415 बच्चों की क्लास चलाई जा रही है। वैसे स्कूल में 5 कमरें हैं लेकिन केवल 3 कमरो में 415 बच्चें पढ़ते हैं। यानी औसत निकालें तो एक कमरें में 140 बच्चें बैठते होंगे। लेकिन स्कूल में जगह नहीं मिलने की वजह से कई बच्चें घर की ओर लौट जाते हैं। 415 बच्चों को पढ़ाने के लिए 19 शिक्षक 3 कमरों में पठन पाठन का काम पूरा कराते हैं।
एक कमरे 3-4 कक्षाए संचालित
एक ही कमरें में एक ओर हिन्दी की पढ़ाई चल रही होती है तो दूसरी ओर गणित की कक्षा और वहीं बगल में साइंस की क्लास भी चल रही होती है तो एक ही कमरें में 3-4 कक्षाएं संचालित होती हैं इससें बच्चों का न सिर्फ ध्यान बंट जाता है बल्कि शिक्षक भी पढ़ाने में परेशानी अनुभव करते हैं।
स्कूल की हालत खराब
यह स्कूल एक पानी के पेटे के तट पर स्थित है जो बारिश के समय में कहीं दिक्कतें उत्पन्न करता है। स्कूल में बैठने की व्यस्था से अभिभावक भी नाराज हैं लेकिन उनकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है शिक्षा विभाग सब-कुछ देखकर भी अनजान बना हुआ है और सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
बावन नहीं पर स्टेडियम तैयार
भलें ही 3 कमरें हैं लेकिन इस स्कूल के लिए एक खेल स्टेडियम तैयार कर दिया गया है। स्टेडियम अपने अंतिम रूप ले रहा है। एक कमरें में स्मार्ट क्लास चलती है तो एक कमरें में लैब और एक कमरें में ऑफिस संचालित है। शेष 5 में 3 कमरें जो बच गए, उसी में बच्चें पढ़ाई करते हैं। मौसम ठीक रहा तो पेड़ के नीचे भी क्लास लगती है।
लोगों ने की कमरें बनवानें की मांग
ग्रामीण कुलदीप सिंह राठौड़, रामपाल सोलंकी, बंसीलाल दरोगा, जगदीश चंद्र टेलर, भैरू गुर्जर, महावीर जाट, राधेश्याम कुमावत, मुकेश कुमावत, नंद सिंह राठौड़, राहुल सिंह राठौड़, मदन कुमावत, नरसिंह राठौड़ ने बताया कि तीन कमरों में कैसे पढ़ाई हो सकती है? जबकि यहां कक्षा एक से 12वीं क्लास तक की कक्षाओं में पढ़ाई होती है, लेकिन सिर्फ चार कमरें हैं जिसमें पढ़ाया जाता है इससे छात्रों को काफी दिक्कते होती है यहां कई गांव के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं लेकिन यहां काफी असुविधा होती है। प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां के स्कूल में और कमरें बनें ताकि उनके बच्चें ठीक से पढ़ाई कर सकें।