भक्त के माध्यम से ही प्राप्त होते हैं भगवान- स्वामी चैतन्यानंद

भक्त के माध्यम से ही प्राप्त होते हैं भगवान- स्वामी चैतन्यानंद
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भीलवाड़ा। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में पिछले 39 दिनों से जारी चातुर्मास प्रवचन में गुरुवार को नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि भक्त के माध्यम से ही भगवान प्राप्त होते है। भगवान से हम उनके चरणों की अनन्य भक्ति मांगे। राम से बड़ा राम का नाम है। भक्ति में शक्ति है। भगवान राम की महिमा ऐसी है कि उनके नाम के स्मरण के साथ पानी में डाला गया पत्थर भी तैर गया। राम नाम की महिमा अपरंपार है। रामनाम ही जगन्नाथ है। राम के चरणों की भक्ति से जो आनंद आएगा, वह और किसी में नहीं आएगा। भगवान के दर्शन संतों के माध्यम से होते हैं। हनुमान जी महाराज भी स्वयं संत है। हनुमान जी की जब परमात्मा से मुलाकात हुई तो उन्होंने चरणों की अनन्य भक्ति प्रदान करने की शर्त रखी थी। सेवा करना भी एक परीक्षा है जो इस परीक्षा में पास हो जाता है उसके जीवन का कल्याण हो जाता है।

ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के दौरान कीर्तन भज गोविंदम बालमुकुंदम परमानंद हरे हरे से रामधाम गुंजायमान रहा। चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे स प्रवचन हो रहे है । रविवार को साप्ताहिक रामायण पाठ का आयोजन दोपहर 2.30 से शाम 5 बजे तक क्यारा के बालाजी पुर में होगा। पाठ में भाग लेने वाले भक्तों के लिए की ऑटो सुविधा छोटी पुलिया, सुभाष नगर, बड़ा मंदिर, धान मंडी से रहेगी। प्रसाद की व्यवस्था भगवान व कौशल्या देवी करनानी की तरफ से रहेगी। राम धाम मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सूर्यप्रकाश मानसिंहका, हेमंत मानसिंहका, वीणा मानसिंहका, अशोक बाहेती, केदारमल बाहेती का 51-51 हजार सहयोग मिला।

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