गौवत्स द्वादशी बछ बारस पर उपवास रख गाय बछड़े की पूजा कर मांगी मनोकामना

गौवत्स द्वादशी  बछ बारस पर उपवास रख गाय बछड़े की पूजा कर मांगी मनोकामना
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* कोटडी उपखंडमुख्यालय स्थित कस्बे में गौवत्स द्वादशी बछ बारस भादो मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के त्योहार पर महिलाओं द्वारा ‌ पारंपरिक वेशभूषा पहनकर उपवास रख गाय बछड़े की पूजा कर अपने परिवार को कुशल जीवन जीने के लिए मनोकामना मांगी। मान्यता है कि इस त्यौहार का संबंध यशोदा और भगवान कृष्ण से है, इस दिन परिवार में सब्जी को काटी नहीं जाती एवं मक्का ज्वार की रोटी व‌‌ इससे संबंधित व्यंजन बनाए। व्रत रखने से संतान के जीवन में सदैव खुशहाली की कामना करती है साथ ही जिनके संतान नहीं है वे महिलाएं पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाएं भी यह व्रत रखती है। महिलाओं द्वारा पूजा के लिए दूध,दही, उगे हुए मोठ बाजरी,बजरी के आटे की पींडिया, भीगे हुए चने,घी, शक्कर,चने की दाल के लड्डू, मेहंदी, मौली ,चावल,सुपारी,पुष्प सामग्री से पूजा कर गाय बछड़ों को स्नान कराने के बाद नए वस्त्र पहनाये‌और अंकुरित चने बाजरा,मटर,मूंग, मोठ रोटी खिलाई । माताएं अपने पुत्रों को तिलक लगाकर उन्हें लड्डू खिलाने के बाद नारियल देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया। साथ ही बछ बारस की कथा सुनी। इस अवसर पर रेखा सोनी, शांता देवी तंबोली,आकांक्षादेवी, उषा देवी,सीता देवी, पिंकी तिवारी, दिव्या सोनी, पूजा सेन आशा सेन,पुष्पा देवी, निर्मला देवी सहित अनेक महिलाओंने भाग लिया।

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