आत्मा को कुंदन बनाने के लिए तप से तपाना पड़ेगा- साध्वी कंचनकंवर

आत्मा को कुंदन बनाने के लिए तप से तपाना पड़ेगा- साध्वी कंचनकंवर
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भीलवाड़ा। जप, तप व भक्ति कर आत्मा को निर्मल व पावन बनाने के अवसर आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण पर्व की शुरूआत महावीर भवन बापूनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में रविवार को महासाध्वी कंचनकुंवर के सानिध्य में हुई। पर्युषण के साथ ही आठ दिवसीय अखण्ड नवकार महामंत्र जाप भी शुरू हो गया।

पहले दिन वेलकम पर्वाधिराज विषय पर प्रवचन में महासाध्वी कंचनकंवर ने कहा कि हमारी आत्मा के जो आठ कर्म लगे हुए है उन्हें तोड़ सिद्ध बुद्ध मुक्त होने का अवसर पर्युषण पर्व है। आत्मा को कुंदन के समान स्वर्णिम बनाना है तो उसे तप से तपाना होगा। आत्मा तप से तपेगी तभी वह विशुद्ध बनेगी। जीवन को चिंतामणी बनाने के लिए पर्युषण में चिंतन मनन भी करे।

उन्होंने कहा कि हमे जानना होगा कि जीवन का निर्माण कैसे करे। इच्छाओं का निरोध करने पर आत्मा को तप का आवरण पहना सकते है। संकल्प लेना है कि पर्युषण में झूठ नहीं बोलेंगे, किसी को कष्ट नहीं पहुंचाएंगे, जप-तप करके जीवन को पावन व निर्मल बनाएंगे। प्रखर वक्ता साध्वी डॉ.सुलोचनाश्री ने कहा कि हम भौतिकता में इस तरह रम गए है कि धर्म के लिए समय ही नहीं है। भीतर के कषायों को तप त्याग से मिटाने का अवसर पर्वाधिराज पर्युषण देता है। हमे कर्मो के बंधन काटने के लिए शरीर को नहीं आत्मा को सजाने पर ध्यान देना है।

साध्वी डॉ. सुलक्षणाश्री ने कहा कि पर्युषण कषायों से मुक्त होकर पुण्यार्जन का अवसर है। मनुष्य जन्म पाने के लिए देवता भी तरसते है क्योंकि मनुष्य भव से ही मोक्ष मिल सकता है। उन्होंने कहा कि कभी ज्ञान का अभिमान नहीं करना चाहिए अन्यथा गति बिगड़ जाती है। धर्मसभा में कई श्रावक-श्राविकाओं ने सामूहिक तेला तपक रने की भावना रखते हुए पहले दिन उपवास के प्रत्याख्यान लिए। बेला, आयम्बिल, एकासन के भी प्रत्याख्यान लिए गए।

संचालन करते हुए श्रीसंघ के मंत्री ने बताया कि तेला तपस्वियों का सामूहिक पारणा 4 सितम्बर को महावीर भवन में ही होगा। पर्युषण अवधि में प्रवचन सुबह 8.30 बजे से शुरू होंगे। प्रतिदिन प्रवचन के शुरू में एक घंटे अंतगड़सूत्र का वाचन किया जाएगा एवं सुबह 9.30 बजे से व्याख्यान होगा। पर्युषण में दूसरे दिन 2 सितम्बर को मां है मंदिर ममता का विषय पर प्रवचन एवं दोपहर में मुझे पहचानों में कौन प्रतियोगिता होगी। धर्मसभा में बालिकाओं द्वारा लघु नाटिका की प्रस्तुति देकर जीवन में साक्षरता का महत्व समझाया गया ओर निरक्षर होने पर क्या परेशानियां आती है इसकी झलक प्रस्तुत की गई। लघु नाटिका में प्रस्तुति देने वालों में ममता नाहर, पिंकी कोठारी, संतोष पामेचा व अजंलि सोनी शामिल थे।

महावीर भवन में अष्ट दिवसीय पर्युषण में अखण्ड नवकार महामंत्र जाप भी रविवार से शुरू हो गया। सुबह 6 बजे विधिपूर्वक जाप की स्थापना साध्वी डॉ. सुलोचना के सानिध्य में हुई। इसके तहत आठ दिन श्रावक-श्राविकाओं को अपनी सुविधानुसार प्रतिदिन एक-एक घंटे का समय जाप के लिए देने की प्रेरणा प्रदान की गई है। श्रावक-श्राविकाएं उत्साह से अपने निर्धारित समय पर नवकार महामंत्र जाप की आराधना करने के लिए पहुंचते रहे।

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