अणुव्रत जैन धर्म का ही नहीं, वरन जन धर्म का हिस्सा– मुमुक्षु भाविका

अणुव्रत जैन धर्म का ही नहीं, वरन जन धर्म का हिस्सा– मुमुक्षु भाविका
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पुर। उपनगर पुर के तेरापंथ भवन में पर्युषण पर्व के दौरान मुमुक्षु संयोजिका भाविका ने व्रत चेतन दिवस पर बताया कि अणुव्रत जैन धर्म का ही नहीं वरन जनधर्म का भी हिस्सा है। प्रत्येक व्यक्ति छोटे से छोटा व्रत लेकर भी आत्मा के विकास के क्रम में आगे बढ़ सकता है। वही मुमुक्षु रक्षा द्वारा श्रद्धा का महत्व बताते हुए कहा गया कि गुरु में श्रद्धा रखे तो सब कुछ संभव हो सकता है।

महावीर जीवनी में त्रिपृष्ट वासुदेव का वर्णन किया गया साथ ही तेरापंथ सभा का शपथ ग्रहण समारोह भी रखा गया जिसमें तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश चंद्र सिंघवी द्वारा सभा के वर्तमान अध्यक्ष नेमीचंद सिंघवी व मंत्री राकेश कर्णावट सहित अन्य पदाधिकारियों को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर भगवती लाल बोरदिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए वही सायंकालीन कार्यक्रम में मुमुक्षु रिचा ने मंगल भावना की कड़ी में शक्ति संपन्नता पर चर्चा की तथा पारिवारिक व शारीरिक शक्ति के बारे में विस्तार से बताया गया।

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