सुझबुझ से फर्जी पुलिस की जाल में फंसने से बच गया उमेश

सवाईपुर ( सांवर वैष्णव )। सवाईपुर का उमेशकुमार श्रोत्रिय अपनी सुझबुझ से फर्जी पुलिसकर्मियों के बुने जाल में फंसने से बच गया।

दरअसल, उमेश के मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आया । कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस का एएसआई बताया। उसने, उमेश से कहा, तुम्हारा भाई 2 लोगों के साथ गैंग रेप के मामले में पकड़ा गया है। उसे बचाना चाहते हो। इस पर उमेश ने फोन काट दिया। लेकिन अगले ही पल दुबार वॉटसएप्प कॉल आई और उमेश से कहा कि तुमने पुलिस अधिकारी का फोन कैसे काटा? में एएसआई बोल रहा हूं । एसपी साहब भी मौके पर हैं। अगर अपने परिवार की बदनामी नहीं चाहते हो तो सेटलमेंट कर लो। इस पर उमेश ने समझदारी दिखाते हुये फर्जी एएसआई से अपने भाई का नाम पूछा तो, अधिकारी ने उमेश से कहा कि तुम बताओ क्या नाम है? तुम्हारे भाई का। उमेश ने भाई का नाम व उम्र की गलत जानकारी दी। इस पर फर्जी एएसआई ने कहा कि, हां इन तीनों में से एक का नाम यही हैं। पैसे देकर कोई सेटलमेंट कर लो। इस पर उमेश ने कहा कि पैसे नहीं है और अगर मेरे भाई ने ऐसा किया है तो उसे गोली मार दो। इतना कहते ही फर्जी एएसआई ने फोन काट दिया। उमेश ने बताया कि एक बार तो उसे सच में ऐसा ही लगा, लेकिन कुछ दिन पहले सवाईपुर चिकित्सालय के एक कर्मचारी के साथ भी ऐसी ही घटना हुई। उस घटना का ध्यान आते ही उसने सुझबुझ दिखाकर खुद को फर्जी पुलिस के जाल में फंसने से बचा लिया।

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