आकोला में भागवत कथा का आयोजन

आकोला में भागवत कथा का आयोजन
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आकोला ( रमेश चंद्र डाड) कस्बे के देवनारायण मंदिर प्रांगण में चल रही कथा के दौरान कथावाचक पंडित दुर्गेश चतुर्वेदी ने बताया वाणी ही सब पापों का मूल है और वाणी ही सब आचरण का मूल है वाणी बिगड़ते ही जीवन के सर्वस्व का विनाश आरंभ हो जाता है अतः मनुष्य को चाहिए सबसे पहले वाणी को सुधरे जिसने वाणी को वीणा बना लिया उसके जीवन में सदा मधुरता का संगीत गूंजता है और जिसकी वाणी बाण बन गई और सदा घाव सता रहता है

जीवन का सुख और आनंद ईश्वर की भक्ति में है पर मनुष्य उसे भौतिक संसाधनों में सदा ढूंढता रहता है भवन भूमि स्त्री संतान धन आदि में सुख मिल सकता है पर आनंद तो ईश्वर की भक्ति में है आज कथा आरंभ में राजा परीक्षित के जन्म एवं श्राप तथा सृष्टि वर्णन मनु महाराज के वंश वर्णन के दौरान तीनों कन्याओं के वंश वर्णन में भगवान शिव के प्रसंग को बड़े भाव से सुनाया सभी श्रोता मंत्र मुग्ध रहे। भगवान शिव जी की जीवंत जाकी को सजाया गया । कथा के दौरान क्या लेके आया बंदे क्या लेके जायेगा, गोविंद जय जय गोपाल जय, स्वार्थ वाला सब लोग आदि भजनों पर लोगो ने आनंद लिया।

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