आकोला में भागवत कथा का आयोजन

आकोला में भागवत कथा का आयोजन
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आकोला (रमेश चंद्र डाड) अपने ही हाथों से बसाए हुए जाल में उलझ कर रहता है। मन मां को माया से बचाना है तो सतत ईश्वर का चिंतन करना होगा। सबको संसार ने बस कर रहना है पर आज हम संसार में फस गए है अतः इससे छुटकारा मिलेगा तो केवल नारायण के नाम से आज भागवत के प्रसंगों की चर्चा करते हुए पंडित दुर्गेश चतुर्वेदी ने बताया कि ध्रुव की की तरह लक्ष अटल रहे या तो लक्ष पाए या प्राण जाए ऐसी अटल प्रतिज्ञा करने वालो को जीत हासिल होती है। आलसी के हाथ में केवल निराशा आती है और परिश्रमी के हाथ में जीत । संगीत मय भागवत महापुराण में आज ध्रुव चरित्र भरत चरित्र अजामिल व्याखान नरसिंह अवतार आदि पर चर्चा हुई

तुम बिन मेरी कोन खबर ले सावरिया, गोविंद मेरो है गोपाल मेरो है, सावरी सूरत पे मोहन, आदि भजनों पर खूब आनद आयाा। कल कृष्ण जन्म उत्सव मनाया जायेगा

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