अवैध बजरी खनन: बनास नदी की पुलिया के नीचे से भी खोदकर बजरी निकाल रहे हैं माफिया

बनास नदी की पुलिया के नीचे से भी खोदकर बजरी निकाल रहे हैं माफिया
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पारोली। पुलिस एवं खनिज विभाग की मिलीभगत से पारोली क्षेत्र में स्थित बनास नदी से रात के अंधरे में माफिया अवैध बजरी खनन कर मुंह मांगे दामों पर दूर दराज सप्लाई कर रहे हैं । इस बारे में खनिज विभाग व पुलिस प्रशासन को पता होने के बाद भी उनके खिलाई कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

चौंकाने वाली बात तो यह है कि माफिया के लोग रात में पारोली थाना व प्रमुख चौराहे से होकर बजरी से भरे हुए वाहन लेकर निकल रहे हैं, मगर उनको रोका तक नहीं जा रहा। इससे दोनों विभागों के अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्षेत्र में बजरी खनन पर सरकार द्वारा रोक लगा रखी है। इसके बावजूद पिछले कई महिनों से अंधेरे का फायदा उठाकर नदियों से अवैध रूप से बजरी खनन कार्य किया जा रहा है। सबसे अधिक बजरी खनन कोठाज और कांटी पंचायत क्षैत्र के बनास नदी तट के पास स्थित गांव में नदी से हो रहा है।

बजरी खनन के दौरान माफियाओं ने पुलिया के नीचे से जेसीबी से बजरी खोदकर निकाल ली जिससे पुलिया झुलती हुईं नजर आ रही है।

बनास की बजरी की मांग ज्यादा होने की वजह से बजरी माफिया से जुड़े लोग जेसीबी से बजरी की खुदाई कर सीधे ही ट्रोलों व ट्रैक्टर ट्रालियों में भर देते हैं। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा इन बजरी खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बजरी खनन के माफियाओं द्वारा जगह जगह सरकारी और बिलानाम भूमि में बजरी का स्टॉक भी कर रखा है।

रात के अंधेरे में बजरी लेकर बेखौफ दौड़ते हैं बजरी से भरे वाहन

बजरी भरे वाहन बेखौफ सड़कों पर दौड़ते हैं।किसी कि हिम्मत नहीं कि इन वाहनों को रोककर कोई कार्यवाही कर सकें। क्योंकि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का बजरी माफिया पर बराबर आशीर्वाद बना हुआ है।

बजरी खनन करने वालों के खिलाफ नही हो रही कार्यवाही

ग्रामीणों ने बताया कि पारोली क्षेत्र में स्थित नदी नालों में इन दिनों बजरी का अवैध खनन कार्य जोर-शोर से चल रहा है। पुलिया और प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे उनके हौसले बुलंद है। यदि जल्द ही प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है तो ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किया जायेगा।

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