आर के कॉलोनी मंदिर में प्रथम बार चक्रवर्ती विवाह हुआ

आर के कॉलोनी मंदिर में प्रथम बार चक्रवर्ती विवाह हुआ
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भीलवाडा। शुक्रवार को तरणताल के सामने स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर आर के कॉलोनी में प्रथम बार श्री आदिनाथ भगवान के समक्ष चक्रवर्ती विवाह पद्धति से विवाह हुआ। ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि निर्यापक श्रमण पूज्य सुधासागर महाराज ने सांसारिक कार्यो को भी मंगलमय बनाने के लिए प्राचीन जैन परम्परा से चक्रवर्ती विवाह पद्धति से विवाह करने की प्रेरणा दी। यद्यपि आर के कॉलोनी जैन समाज में पूर्व में तीन विवाह इस पद्धति से हो चुके है। आर के कॉलोनी मंदिर में पहली बार राकेश पंचोली की पुत्री ध्रुवी का मंगलमय विवाह घाटोल के सुनील कोठारी के सुपुत्र स्वप्निल से पण्डित रजनीश शास्त्री के मंत्रोचार एवं संगीतकार सत्येन्द्र एण्ड पार्टी के स्वरलहरी से पूजन, भजन एवं भक्ति नृत्यों के साथ हुआ। इससे पूर्व वर स्वप्निल ने स्नान कर धोती दुप्पटे धारण कर भगवान का अभिषेक किया। इस अवसर पर वर-वधू ने 64 रिद्धी मण्डल विधान पूजन में मण्डल पर 64 श्रीफल अर्पित कर पूजा की।

ट्रस्ट के सचिव अजय बाकलीवाल ने बताया कि वर-वधू पक्ष के परिजनों के मंदिर पहुंचने पर आर के कॉलोनी समाज की ओर से चैनसुख शाह, राजकुमार सेठी, कैलाश सोनी, राजकुमार अग्रवाल, खेमराज कोठारी ने तिलक लगाकर, पगडी, दुप्पटा से स्वागत किया।

महेन्द्र सेठी ने बताया कि सुधासागर महाराज के निर्देशानुसार इस परम्परा में विवाह के दिन दुल्हा-दुल्हन एकासन या उपवास करते है। शादी के बाद वर-वधू सात दिन के लिए संयम का नियम लेकर सिद्ध क्षेत्र, अतिशय क्षेत्र एवं गुरुदेव के दर्शन हेतु जाते है। इस विवाह में वर-वधू भोजन में भी शुद्धि का भोजन ही ग्रहण करते हैं। विवाह आयोजन में किसी तरह की आतिशबाजी नहीं की जाती है। शादी के बाद वर-वधू का घर प्रवेश इस तरह से होता है कि ससुराल पक्ष में वर की मां अपनी बहू को पुराण आदि देकर अपने घर में मंगल प्रवेश कराती हैं.

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