आकोला देवनारायण मंदिर पर चल रही भागवत कथा संपन्न
आकोला (रमेश चंद्र डाड) कस्बे में पिछले 7 दिन से चल रही भागवत कथा देवनारायण मंदिर प्रांगण में शनिवार को संपन्न हुई। कथा वाचक पंडित दुर्गेश चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान के अन्य विवाह सत्यभामा मित्रविंदा जामवती आदि 16108 पटरानियों के साथ विवाह की चर्चा हुई। भोमासुर नामक राक्षस का वध मुर राक्षस का वध करके भगवान ने राजसूय यज्ञ में जरासंध का वध किया जरासंध को जितना बहुत मुशकिल है जीव अंपने आचरण के बल से जरा को नही जीत सकता है। इसे तो भगवान के चरण के बल पर ही जीता जा सकता है ।जरा की मार से बचाना है तो दृष्टि में कृष्ण को बनाए रखना होगा। दृष्टि कामना पर रहेगी तो बुढ़ापा मरेगा वृद्धावस्था में काम तो त्याग कर राम के हो जाना चाहिए।
जीवन भर जगत के हो कर रहे बुढ़ापा आया अब जगन्नाथ के जाए तो वृद्धावस्था भी सुख देती है सुदामा चरित्र में बताया की धन बढ़ने से दुनिया साथ रह सकती है पर ईश्वर को पाना है तो मन को बड़ा करे।
आज विराम दिवस पर जनकल्याण की मंगल कामना के लिए यज्ञ किया गया ।उपाध्याय परिवार की ओर से देवनारायण मदिर में वैदिक मंत्रों के साथ यज्ञ किया गया। प्रमुख यजमान संपत देवी पुत्र कुलदीप उपाध्याय सोनू उपाध्याय की ओर से महाप्रसादी वितरण की गई।
अतरी खातरी करवावे] बता मेरे यार सुदामा, श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे आदि भजनों की प्रस्तुति दी गई । व्यास पूजन हुवा गाजे बजे के साथ विदाई यात्रा निकाली गई। इस मौके पर बनास नदी किनारे स्थित शिवालय के मंहत रामस्नेही दास जी महाराज भी उपस्थित थे।