बेटी नहीं चाहिए साहब, इसका रैप हो जाएगा और लोग चौराहे पर सिर्फ मोमबत्ती जलाकर न्याय मांगेंगे, कन्या भ्रूण हत्या के इस कारण से भर आई आंखें।

बेटी नहीं चाहिए साहब, इसका रैप हो जाएगा और लोग चौराहे पर सिर्फ मोमबत्ती जलाकर न्याय मांगेंगे, कन्या भ्रूण हत्या के इस कारण से भर आई आंखें।
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राजेश जीनगर

एक पिता ने रूंआसे गले से चिकित्सक को फोन लगाया और कहा की डाक्टर साहब हमें ये संतान नहीं चाहिए, तो चिकित्सक ने कारण पूछा, इस पर पिता बोले की साहब घर वाली की कोख में बेटी पल रही है और हमें बेटी नहीं चाहिए साहब, आप इसे गिरवा दो। इस पर हैरान चिकित्सक ने पिता को फटकारते हुए कहा की तुम्हें पता है तुम क्या कह रहे हो और किससे कह रहे हो, मैं ये पाप नहीं कर सकती। तुम ऐसा क्यों करना चाहते हो? इस पर पिता बोला की साहब, इसका कोख में मर जाना ही बैहतर है, दुनिया में आएगी हम इसका बड़े लाड़ प्यार से पालन पोषण करेंगे और एक दिन ये दरिंदगी का शिकार होकर रोज तिल तिलकर मरेगी और लोग सिर्फ किसी चौराहे पर हाथों में मोमबत्ती पकड़े न्याय मांगेंगे। इससे अच्छा है ये कोख में ही मर जाए साहब। इन संवाद के साथ महिलाओं व एक बालिका द्वारा दी गई जीवंत प्रस्तुति ने सभागार में मौजूद लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। यह प्रस्तुति जिला युनेस्को एसोसिएशन व फूले सेवा संस्था द्वारा नगर निगम सभागार में आयोजित गरबा सम्मान समारोह व श्रेष्ठ वेशभूषा के दौरान दी गई थी। इस प्रस्तुति के बाद बतौर मुख्य अतिथि एडीएम ओमप्रकाश मेहरा ने अपने संबोधन में कहा की समाज में फैली विभिन्न तरह की कुरुतियों और बुराईयों पर रोक लगाने के लिए जिले में एक कलेक्टर, एक एसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी अपने दायित्वों और जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ समाज को भी जागरूक होना होगा और अपने आसपास की गतिविधियों पर नजर रखनी होगी। तभी समाज देश में बदलाव ला सकता है और महिलाओं व युवतियों के प्रति बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है। गली, मोहल्ले, चौराहे से गुजर रही बहन बेटी सुरक्षित घर पहुंचे इसकी जिम्मेदारी हम सबकी है। सिर्फ एक दिन विजयादशमी का पर्व मनाकर हम बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल नहीं कर सकते, बल्कि आज की युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाएं, ग़लत रास्तों पर जाने से रोकें और गुमराह होने से बचाएं तो हर रोज बुराई पर अच्छाई की जीत होगी। मेहरा के इस संबोधन के बाद संचालिका मधु लोढ़ा ने एडीएम मेहरा से कहा की आपके पास नारी शक्ति के उत्पीड़न का किसी भी तरह का मामला आए तो उसे गंभीरता से लेकर त्वरित कार्यवाही हो, ऐसे प्रयास किजिएगा। ये बात मैं सिर्फ भीलवाड़ा के लिए ही नहीं बल्कि आप जहां भी रहें, उस जिले में किसी महिला के साथ अन्याय नहीं हो, ऐसे प्रयास करें ताकी बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगे और आमजन में प्रशासन के न्याय के प्रति विश्वास पैदा हो। वहीं, युनेस्को के प्रदेश संयोजक गोपाललाल माली ने बताया की इस आयोजन के दौरान 09 दलों की लगभग 150 महिलाओं ने आज की युवा पीढ़ी को संस्कारित करने का संदेश देते हुए कई प्रेरणादायक प्रस्तुतियां दी।

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