मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो, स्वाति सिन्हा की कत्थक प्रस्तुति ने समा बांधा

मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो, स्वाति सिन्हा की कत्थक प्रस्तुति ने समा बांधा
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भीलवाड़ा । स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं जवाहर फाउण्डेशन के सहयोग से विरासत-2024 का आगाज आज विश्व प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना स्वाति सिन्हा की कत्थक प्रस्तुतियों से हुआ।

जानकारी देते हुए नेशनल एक्ज्युकेटिव कैलाश पालिया ने बताया कि स्वाति सिन्हा की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 9 बजे विवेकानन्द केन्द्र विद्यालय हुरड़ा एवं द्वितीय प्रस्तुति सांय 6 बजे ग्रामीण हाट कला दीर्घा में हुई। स्वाति सिन्हा ने कार्यक्रम की शुरूआत आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित पंचाक्षर श्रोतम से करते हुये भगवान शिव की स्तुति में शिव एवं पार्वती के स्वरूप को जीवन्त करते हुये तीन ताल सोलह मात्रा में (समयबद्धता) की बारीकियों को समझाया। उसके बाद थाट, खड़े होने का अंदाज उठान, चक्कर, फुटवर्क की बारीकियों को बताते हुये मयुर नृत्य से छात्र-छात्राओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्त में बाल कृष्ण भजन ’’मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो’’ में बाल कृष्ण की माखन चोरी की बाल लीलाओं का जीवन्त प्रदर्शन से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये।

अन्नु प्रजापत के अनुसार 16 अक्टूबर को स्वाति सिन्हा की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 7.30 बजे लार्ड्स कॉन्वेट स्कूल एवं द्वितीय प्रस्तुति दोपहर 1.30 बजे विद्या कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस पालड़ी में होगी।

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