नरसी मेहता की कृष्ण के प्रति भक्ति का श्रेष्ठ उदाहरण

नरसी मेहता की कृष्ण के प्रति भक्ति का श्रेष्ठ उदाहरण
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आकोला (रमेश चंद्र डाड)भक्त की ओर से सच्चे मन से भगवान के किए स्मरण करने पर भगवान भक्त पर कृपा करने के लिए तत्पर रहते है। नरसी महता की भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति का श्रेष्ठतम उदाहरण है। नानी बाई रो मायरो की कथा भक्ति की अनुपम गाथा है। जीवन की कटु सच्चाइयों को दर्शाती कथा हमें भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

यह विचार गुरुवार की रात्री बरुन्दनी के कुई मन्दिर पर आयोजित पांच दिवसीय नानी बाई रो मायरो की संगीतमय कथा के प्रवचन करते हुए कथावाचक जगदीश वैष्णव मुंगाना ने प्रकट किए।

उन्होंने कहा कि नरसी महता ने किसी की परवाह नही की बस भगवान पर भरोसा रखा और भगवान ने भी उनके विश्वास को बनाए रखा। भगवान कृष्ण ने उनकी सहायता करने के लिए विविध स्वरूप धारण किए।

गुरुवार की रात्री भगवान कृष्ण के रुक्मिणी संग मायरा भरने के लिए प्रस्थान के प्रसंग की व्याख्या की गई।

कथा का समापन शुक्रवार को होगा।

गुरुवार की सायं कुई मन्दिर पर मंशापूर्ण चारभुजा नाथ के लिए निर्मित चांदी की पोशाक के साथ विद्वान पण्डित ओम प्रकाश शर्मा के वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य यज्ञ हवन किया। इस अवसर पर दुर्गा शंकर गट्टानी, राजेन्द्र कुमार लड्ढा, गोपाल लाल गट्टानी, राम राय लड्ढा, मनोज गट्टानी आदि ने आहुतियां दी।

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