तेल व रूई से मिट्टी के दीप जलाना वैज्ञानिक कर्म


भीलवाड़ा। भारतीय सांस्कृतिक निधि इंटेक भीलवाड़ा चैप्टर कन्वीनर एवं पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने कहा कि दीपावली पर्व पर रोशनी के लिए ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीप जलाएं। तेल व रूई से मिट्टी के दीप जलाना न केवल मांगलिक अनुष्ठान है वरन् पर्यावरण की दृष्टि से भी पूरी तरह वैज्ञानिक कर्म है। इससे वर्षा ऋतु में उत्पन्न होने वाले कीटाणु व कीट समाप्त होते हैं तथा वायुमण्डल स्वच्छ एवं स्वास्थ्यप्रद बनता है। जाजू ने आगे बताया कि चकाचौंध पैदा करने वाले बिजली के बल्ब दीपावली पर्व पर पर्यावरण सुधार के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करते बल्कि उनकी रोशनी के आकर्षण से कीट पतंगे रोशनी के खंभो पर एकत्रित होकर वातावरण को दूषित करते हैं। जाजू ने इस दीपावली पर चाइना के दीपक और लाइटों के बजाय मिट्टी के दीए जलाने की अपील की है।

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