कुचिपुड़ी नृत्यांगना हिमांसी की प्रस्तुतियों ने समा बांधा

भीलवाड़ा -स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं जवाहर फाउण्डेशन के सहयोग से विरासत-2024 के तहत आज दिनांक 18.10.2024 को विश्व प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्यागंना हिमांसी कतरगड़ा की प्रथम प्रस्तुति 09.30 बजे रा.उ.मा.वि. सुभाषनगर में हुई।

जानकारी देते हुए नेशनल एक्ज्युकेटिव कैलाश पालिया ने बताया कि हिमांसी कतरगड़ा ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत शिव स्तुति से करते हुये शिव के शांत स्वरूप में चुर्तुविघा, के माध्यम से अभिनय, आंगिकम्, वाचिकम्, आहार्यम्, सात्वीकम् के माध्यम से शिव के स्वरूप की व्याख्या करते हुये छात्र-छात्राओं को मंच पर बुलाकर हस्त मुद्रा एवं कुचिपुड़ी का बेसिक ज्ञान कराया। उसके साथ ही श्री राम स्तुति के माध्यम से मर्यादा पुरूषोतम श्री राम के जीवन वृत के दर्शकों के सामने जीवन्त कर दिया और अन्त में कुचिपुड़ी नृत्य में होने वाले थाली नृत्य ’’तरंगम’’ में दुर्गा स्तुति से समापन किया।

अंत में दोनों विद्यालयों के संस्था प्रधान ने कलाकार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम अनु प्रजापत के अनुसार कल दिनांक 19 नवम्बर 2024 को हिमांसी की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 08.30 बजे न्यू विजन स्कूल एवं द्वितीय प्रस्तुति 10.30 बजे रा.बा.उ.मा.वि. गांधीनगर भीलवाड़ा में होगी।

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