विश्व पुरुष दिवस - वैचारिक वार्ता: पुरुष और स्त्री दोनों एक दूसरे के पूरक हैं प्रतिस्पर्धी नहीं ! "
भीलवाड़ा (हलचल(
सदियों से पूरे विश्व में और भारत में हर तरह के दिवस मनाये जाते रहे हैं लेकिन पुरूषों के लिए कोई विशिष्ठ दिवस नहीं था परन्तु विश्व स्तर पर सन् 1992 से तथा भारत में सन् 2007 से यह दिन 19 नवम्बर " अन्तर्राष्ट्रीय विश्व पुरुष दिवस " के रूप में मनाया जा रहा है , यह दिवस पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है ! यह बात अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब द्वारा इज मंगलवार को विश्व पुरुष दिवस के अवसर पर आयोजित " वैचारिक वार्ता चर्चा चाय पर " के संयोजक एवं पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश जागेटिया ने कही !
अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के राष्ट्रीय महासचिव डॉ अशोक सोडाणी ने इस वैचारिक वार्ता की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज के समय में जहां महिला अधिकारों का खुलकर दुरूपयोग हो रहा है विशेषत: उच्च समाज में, वहां यह दिवस मनाना समाज में सन्तुलन के हिसाब से कहीं ना कहीं एक अच्छा प्रयास जरूर हैं ! बिना पुरुष के स्त्री अधूरी और बिना स्त्री के पुरूष अधूरा.. दोनों एक दूसरे के पूरक हैं प्रतिस्पर्धी नहीं !
अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सुरेश सोनी ने इस अवसर पर आयोजित वैचारिक वार्ता में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब द्वारा माहेश्वरी समाज सेवा के क्षैत्र में कार्यरत पुरुषों में से भीलवाड़ा जिला शाखा के माध्यम से पुरूषों के सम्मान करने की घोषणा की !
इस वैचारिक वार्ता के संयोजक एवं पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश जागेटिया ने कहा कि इस हेतु अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल भीलवाड़ा के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्यों के संयोजन में एक समिति का गठन किया गया है !