’भक्ति करे पाताल में प्रगट होवें आकाश रजब तीनों लोक में छुपे न हरि का दास’’ - स्वामी भगत प्रकाश
भीलवाडा । श्री अमरापुर स्थान जयपुर के सद्गुरू स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज ने अपने अमृतमयी वाणी में भगवान की भक्ति करने वाला भक्त छुपाऐं नहीं छुपता, उसकी भक्ति व्यर्थ नहीं जाती है।
स्वामी जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा कि छुपे हुऐ दान का फल महत्वपूर्ण होता है और कहा कि ओर जो भी भक्त किसी भी सम्प्रदाय पंथ से जुड़ा हो - आपस मंे भाईचारा, प्रेम और एकता होना बहुत जरूरी है। सनातन मंे एक जुटता का महत्व बताया।
प्रेमप्रकाश सेवा मण्डली के परमानंद गुरनानी ने बताया कि सत्संग सभा में स्वामी जी का प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली, महिला मण्डल, सिन्धी सैन्ट्रल पंचायत एवं भारतीय सिन्धु सभा के समस्त पदाधिकारियों एवं समाज जनों ने शाल, दुपट्टा एवं फुल के हार पहनाकर स्वागत-सत्कार अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली के परमानन्द गुरनानी, हीरालाल गुरनानी, हरिकिशन टहल्यानी, गिरीश गांधी, किशोर गुरनानी, सुभाष गुरनानी, निर्मल आहूजा, फतनदास लालवानी, निर्मल चेलानी, मनोज रामचन्दानी, सतपाल गांधी, कन्हैयालाल रामवानी एवं राजकुमार गुरनानी, मोहन लुधानी, मोहन तुलस्यानी, प्रताप रामचन्दानी, सुभाष गुरनानी, नवीन गुरनानी, भावेश गुरनानी। साथ में सिन्धी सैन्ट्रल पंचायत एवं भारतीय सिन्धु सभा के निम्न पदाधिकारी वीरूमल पुरसानी, ओम गुलाबानी, राजकुमार टहल्यानी, किशोर कृपलानी, बलराम आसुदा मोतियानी, आसन लिमानी, नरेश रामचन्दानी, परमानन्द तनवानी आदि उपस्थित थे। मंच संचालन हरिकिशन टहल्यानी ने किया।