सिंगोली चारभुजा मंदिर में नहीं खोलने दिया दान पात्र, श्रद्धालुओं ने किया विरोध, विकास अवरुद्ध होने का लगाया आरोप

सिंगोली चारभुजा मंदिर में नहीं खोलने दिया दान पात्र, श्रद्धालुओं ने किया  विरोध, विकास अवरुद्ध होने का लगाया आरोप
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आकोला (रमेश चंद्र डाड) मेवाड़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरि हर धाम सिंगोली चारभुजा के मन्दिर में रखे दानपात्र को बुधवार को खोलने आए देवस्थान विभाग अजमेर के अधिकारियों और कर्मचारियों को क्षेत्र के श्रद्धालुओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। देवस्थान विभाग के अधिकारियों को श्रद्धालुओं ने दानपात्र को नहीं खोलने दिया जिससे उन्हें बिना दानपात्र खोले ही बैरंग वापस लौटना पड़ा।

सिंगोली चारभुजा के मन्दिर का राजस्थान सरकार ने 15 मार्च 1995 को अधिग्रहण कर लिया था और इसे आत्मनिर्भर श्रेणी के मन्दिर में सम्मिलित कर लिया। देव स्थान विभाग सिंगोली चारभुजा के मन्दिर में रखे गए दानपात्र को समय समय पर खोल कर दानपात्र की राशि को ले जाता रहा है। अधिग्रहण के बाद से 29 वर्षों की अवधि में देवस्थान विभाग दान पात्र से निकली करोड़ों रुपए की राशि ले जा चुका है। सिंगोली चारभुजा के मन्दिर से प्राप्त होने वाली राशि देवस्थान विभाग ले जाता रहा और मन्दिर के विकास की उपेक्षा करता रहा इससे मन्दिर का विकास अवरुद्ध होने लगा। इससे क्षेत्र के श्रद्धालुओं में नाराजगी पनपने लगी।

देवस्थान विभाग अजमेर के सहायक आयुक्त गिरीश बच्चानी के निर्देश पर बुधवार को निरीक्षक भोजराज अग्रवाल , लेखाधिकारी सुरेन्द्र सिंह , कनिष्ठ सहायक सीताराम मीणा,विजय आसीवाल सिंगोली चारभुजा मन्दिर के दानपात्र को खोलने आए।

जानकारी मिलते ही सिंगोली चारभुजा सरपंच राकेश कुमार आर्य , राधेश्याम चंपावत,रामनारायण सोमानी , प्रभु लाल जाट ,राम नारायण सारस्वत, राजेन्द्र कुमार ओझा, दिनेश कुमार सेन , अभिषेक सारस्वत , श्रीराम सोमानी , अखिलेश पाराशर सहित अनेक व्यक्ति मन्दिर पर पहुंच गए और दानपात्र को खोलने का विरोध करने लगे। विरोध को देखते हुए दानपात्र नहीं खोला जा सका। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।

पहले भी हुआ विरोध

दानपात्र को खोल कर राशि ले जाने और विकास अवरुद्ध होने पर पहले भी कई बार विरोध हुआ। 7 जनवरी 2016 को भी तत्कालीन सरपंच विमला देवी पाराशर और ग्रामीणों ने दानपात्र नहीं खोलने दिया । पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह ने भी देवस्थान विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त सोनी को चेक नहीं ले जाने दिया।

9 अक्टूबर 2024 को राज्यपाल वागडे से मिल कर देवस्थान विभाग से मुक्त करवाने की मांग की।

इनका कहना है

सिंगोली चारभुजा का मन्दिर 635 वर्ष पुराना है और क्षेत्र में मान्यता है। जब से देवस्थान विभाग ने अधिग्रहण किया विकास ठप हो गया। मन्दिर की राशि अन्यत्र व्यय की जाती है।

मेवाड़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिने जाने वाले सिंगोली चारभुजा के मन्दिर का विकास नहीं होने से जनता क्षुब्ध है। अधिग्रहण के बाद से हालात खराब हो रहे है। यहां से करोड़ों रुपयों की राशि विभाग ले जा चुका। अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी मांगे नहीं मानी गई तो आन्दोलन किया जाएगा।

- राकेश कुमार आर्य ,सरपंच सिंगोली चारभुजा

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