मॉडल में बजरी सट्टा का खेल, महिला परेशान
मांडल / surendra Sagar
सईंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का" इस लोकोक्ति का चित्रण देखने को मिल रहा भीलवाड़ा मुख्यालय से मात्र 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित मांडल थाना क्षेत्र में , यहां अराजकता का राज चल रहा है आमजन में भय अपराधियों में विश्वाश के स्लोगन चरितार्थ हो रहा हैं, जहां पर जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र कुमार अपराधियों ओर अपराध को खत्म करने की मुहिम चला रहे है वही इसके विपरीत मांडल थाना क्षेत्र में देखने को मिल रहा हैं , मांडल क्षेत्र में इन दिनों काला बाजारी और अपराध चरम सीमा पर पहुंच गया है , अवैध बजरी खनन के साथ ही बे रोक टोक खुले आम बजरी से भरे ट्रेक्टर डम्पर दिन रात बेखौफ चल रहे है वही किसी को रात्रि 12 बजे बाद भी शराब की तलब लगे तो मांडल क्षेत्र में बेखौफ उपलब्ध हो रही हैं वही महिलाओं और इज्जतदार लोगों का बाहर निकलना दुर्भर हो गया है वही मांडल में खुले आम सट्टे की पर्चियां काटते हुए सट्टा व्यापारी दिख जाएंगे सट्टे से क्षेत्र में कई परिवार बर्बाद होते देखे जा सकते हैं मांडल बस स्टैंड पर अवैध रूप से संचालित हो रहे तीन पहिया टेम्पो बिना कागजों के संचालित हो रहे है तो आए दिन इनके संचालकों का झगड़ा सरे आम है , बेतरतीप खड़े वाहनों के चलते राहगीरों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं तो वही बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी हुई हैं।