अध्यात्म, ज्ञान और संगीत की त्रिवेणी बना मानस निष्णात सम्मान समारोह

अध्यात्म, ज्ञान और संगीत की त्रिवेणी बना मानस निष्णात सम्मान समारोह
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भीलवाड़ा रामचरितमानस पर आधारित मानस मंथन ऑनलाइन क्रमिक प्रश्नमाला के मानस अनुरागी विजेताओं के सम्मान में रविवार को वरिष्ठ नागरिक मंच भवन में मानस निष्णात सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया।

मानस परिकर समूह के संस्थापक पं. दीनदयाल जोशी ने जानकारी दी कि राष्ट्र में रामचरितमानस के अध्ययन-अनुशीलन के प्रोत्साहन हेतु प्रति माह ऑनलाइन प्रश्नमाला का आयोजन किया गया। अपने ढंग की इस अनूठी प्रतियोगिता में देश भर से सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया

9 माह तक निरन्तर चली इस प्रतियोगिता के विजेताओं का रविवार को आयोजित समारोह में पारितोषिक वितरण कर सम्मान किया गया।

पारितोषिक में प्रथम पुरस्कार के रूप में 2100 रुपये का तुलसी साहित्य, द्वितीय को 1500 रुपये की एवं तृतीय को 1100 रुपये की पुस्तकें भेंट की गयी।

राजेश चौधरी, डॉ. सुरेंद्र लोढा, ओमप्रकाश शर्मा, चन्द्रशेखर शर्मा, सुरेश देवपुरा, रामगोपाल जाजपुरा, आशीष तोतला एवं हठीले हनुमान दरबार के सौजन्य से पुरस्कार वितरण किया गया। संकटमोचन हनुमतधाम ट्रांसपोर्ट नगर के महंत रामदास रामायणी एवं हाथीभाटा आश्रम के महंत संतदास महाराज के पावन सान्निध्य में समारोह का आयोजन हुआ। महन्त रामदास रामायणी ने सीताराम की शरण में रहने का उपदेश देते हुए उनके द्रोही प्रियजनों से भी अलग होने को पूण्य सिद्ध किया। महन्त संतदास महाराज ने मनुष्य योनि को एक अवसर रूपी चौराहा कहते हुए पाप अथवा पूण्य की राह पर चलकर स्वर्ग या नर्क की मंजिल पहुँचने का उपदेश दिया।

समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत विकास परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बलराज आचार्य ने राम कृपा से ही राष्ट्र कल्याण का संदेश दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी डी.के. दाधीच ने इस युग में ऐसे आयोजनों की आवश्यकता बताते हुए युवा वर्ग को राम साहित्य अध्ययन एवं अनुशीलन की प्रेरणा दी।

सुन्दरकाण्ड के प्रसिद्ध गायक विष्णु सांगावत ने अपनी भजन मण्डली के साथ सुमधुर भजन प्रस्तुतियों से सम्पूर्ण समारोह को संगीतमय कर दिया। समारोह में कोलकाता से संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रहे स्वरम त्रिपाठी ने राम स्त्रोत का शास्त्रीय गायन कर उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को भक्तिरस में सरोबार कर दिया।

समारोह में ही प्राध्यापक चन्द्रेश टेलर द्वारा हनुमान के प्रबन्धन, तकनीक और सेवा पर आधारित अपनी नवीनतम प्रकाशित पुस्तक "वर्तमान में हनुमान" को अतिथियों को भेंट करते हुए पुस्तक के विषय में जानकारी दी।

गौरतलब है कि हाल ही भीलवाड़ा आये पं. धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा उक्त पुस्तक का विमोचन किया गया था।

वीर रस के राष्ट्रीय कवि योगेंद्र शर्मा द्वारा अपनी ओजस्वी कविता "बागेश्वर की धर्म धरा से धर्म सनातन जाग उठा" की प्रस्तुति द्वारा पं.धीरेन्द्र शास्त्री की सनातन रक्षा हेतु पदयात्रा की जानकारी दी।

रामावतार शर्मा रिणवा द्वारा मानस परिकर समूह की गतिविधियों एवं ऑनलाइन प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

कन्या महाविद्यालय में सहायक आचार्य सूर्यप्रकाश पारीक ने कार्यक्रम के अंत में आयोजन समूह, प्रतिभागियों, संगीत मण्डली, अतिथियों का आभार ज्ञापित किया।

समारोह का संचालन संगम विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. अवधेश जौहरी ने किया।

समारोह में गणमान्य नागरिकों में रामप्रसाद माणमिया, डॉ. जगजितेंद्र सिंह, डॉ. कैलाशचन्द्र पारीक, प्रह्लाद पारीक, ओमप्रकाश पारीक, गिरिराज प्रसाद जोशी, सत्यनारायण भट्ट, जयप्रकाश भाटिया, श्यामसुंदर मधुप, सतीश चंद्र व्यास, अनिरुद्ध वैष्णव, मनमोहन सोनी, योगेश दाधीच, सुरेंद्र कीचड़ा, शिव कुमावत, आदित्य जाट के साथ रामायण मण्डल सांगानेर के समस्त सदस्य उपस्थित थे।

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