मधुकरमुनि म.सा. का मनाया स्मृति दिवस

मधुकरमुनि म.सा. का मनाया स्मृति दिवस
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भीलवाड़ा। श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य पूज्य मिश्रीमल म.सा.‘मधुकर’ का 41वें स्मृति दिवस समारोह सोमवार को सामायिक दिवस के रूप मेे गुणानुवाद करते हुए उनके प्रधान सुशिष्य उप प्रवर्तक पूज्य विनयमुनि म.सा.‘भीम’ की आज्ञानुवर्तिनी शासन प्रभाविका पूज्य महासाध्वी कंचनकुंवर म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में बापूनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में मनाया गया। समारोह में कांचीपुरम में चातुर्मास सम्पन्न कर पधारे साध्वी विश्ववंदना म.सा. आदि ठाणा का सानिध्य भी प्राप्त हुआ।

महासाध्वी कंचनकुंवर म.सा. ने पूज्य मधुकर मुनि म.सा. का गुणानुवाद करते हुए कहा कि गुरूदेव का पूरा जीवन ही गुणों की खान है उनका जितना भी गुणगान करे कम ही प्रतीत होगा। ऐसे महान संत ने श्रमण संघ की शोभा बढ़ाते हुए कई लोगों के जीवन में अज्ञान का अंधकार दूर का ज्ञान की रोशनी जलाई। उन्होंने कहा कि गुरूदेव कहा करते थे कि मैं अनुशासन में रह सकता लेकिन दूसरों को अनुशासन में रखना कठिन है। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमे स्व अनुशासन की पालना करनी चाहिए। मधुर व्याख्यानी डॉ. सुलोचनाश्री म.सा. ने कहा कि पूज्य श्री मिश्रीमलजी म.सा.‘मधुकर’ ने अल्प आयु में संयम अंगीकार कर अपना पूरा जीवन जिनशासन की सेवा में समर्पित कर दिया। आप संयम जीवन की मर्यादाओं की पालना के प्रति बहुत कठोर थे लेकिन दूसरों के लिए मिश्री के समान मीठे थे। आप नरम मिश्री के नाम से भी जाने जाते थे। संयम जीवन के दौरान आपको विभिन्न उपाधियों से भी अलंकृत किया गया था। इसमें श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य पद पर सुशोभित करना भी शामिल था। आप जैसे महान संत ने हमेशा संघ-समाज के लिए प्रेरणादायी कार्य किया। साध्वी श्री विश्ववंदनाजी म.सा. ने कहा कि आचार्य सम्राट आनंदऋषिजी म.सा. के प्रिय पूज्य मधुकर मुनिजी म.सा. अत्यंत सहज,सरल जीवन जीने वाले त्यागी महान संत थे। धर्मसभा में मधुर व्याख्यानी डॉ. सुलक्षणाश्री म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा में सुश्रावक फतेहसिंह लोढ़ा व राजेन्द्र सेठिया ने भी विचार व्यक्त किए। धर्मसभा के अंत में नाथद्वारा में देवलोक हुए साध्वी श्री तरूणप्रभाजी म.सा. के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चार लोगस्स का ध्यान किया गया। संघ के वरिष्ठ श्रावक सुरेन्द्र पालरेचा ने सजोड़ा शीलव्रत का प्रत्याख्यान ग्रहण किया। धर्मसभा में आजादनगर, कांचीपुरम, सुभाषनगर आदि क्षेत्रों के श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत बापूनगर श्रीसंघ के अध्यक्ष कमलेश मुणोत ने किया। आभार श्रीसंघ के संरक्षक लादूलाल बोहरा ने जताया। संचालन श्रीसंघ के मंत्री अनिल विश्लोत ने किया। समारोह के बाद पूज्य महासाध्वी कंचनकुंवरजी म.सा. आदि ठाणा ने बापूनगर महावीरभवन से न्यू आजादनगर स्वाध्याय भवन के लिए विहार किया।

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