शरबती गाडोदिया राजकीय बालिका विद्यालय कोटड़ी में संस्कारवान पीढी पर दिया उद्बोधन
आकोला ( रमेश चंद्र डाड) शरबती गाडोदिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय कोटड़ी में शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅक्टर राधेश्याम श्रोत्रिय ने बालिकाओं को "आओ बढे संस्कार पिढी" के तहत नयी पिढी को संस्कारवान बनाने के लिये सारगर्भित प्रेरक उद्बबोधन दिया। उन्होंने 14 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं को विशेष रुप से मोबाइल पर इंन्स्टाग्राम, यू ट्यूब, फेसबुक नहीं चलाकर उस समय को अच्छे साहित्य पढने में व्यतित करने की सलाह दी। साथ ही कक्षा 6 से 12 तक अध्ययनरत सभी बालिकाओं को किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करने की शपथ दिलायी।
प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आयी मीनाक्षी बहन ने ध्यान मुद्रा के तहत " ऊं " की शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आध्यात्म वह शक्ति है जिसकी बदौलत हम हर दुःख, हर संकट, हर विपदा का हंसते हंसते सामना कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रधानाचार्य उदय लाल स्वर्णकार ने संस्कार पिढी के तहत नोबेल पुरस्कार विजेता महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्सटीन के जीवन के बारे में बताया कि किस प्रकार आइन्सटीन ने सापेक्षता के सिद्धान्त का आविष्कार किया। इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य शिरीन परवीन, प्राध्यापक प्रियंका डागा, शशिकला तेली, अनिता मेघवाल, पिंकी बाज्या, संजीव कुमार, वरिष्ठ अध्यापक भंवर लाल भाम्बी, दिनेश जैन, महेन्द्र खटीक, अरुणा जोशी, ज्योति पाराशर, शिव राज कहार, महावीर सोनी, विजय त्रिपाठी, कम्प्युटर अनुदेशक कुमकुम गुरुजी आदि उपस्थित रहे।