सुशासन की कुंजीः आमजन की समस्याओं का संवेदनशील और त्वरित समाधानः एन के जैन

सुशासन की कुंजीः आमजन की समस्याओं का संवेदनशील और त्वरित समाधानः एन के जैन
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bभीलवाड़ा, । जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता सुशासन के तीन मुख्य स्तंभ हैं जो इसकी सफलता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये तीनों तत्व एक दूसरे के पूरक हैं और मिलकर सुशासन की नींव को मजबूत बनाते हैं। जिला कलक्टर ने सुशासन सप्ताह के तहत सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला के दौरान यह बात कही।

मुख्य अतिथि सेवानिवृत आईएएस निर्मल कुमार जैन, विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत आरएएस शोभालाल मूंदड़ा ने भी जिला स्तरीय कार्यशाला में सुशासन को लेकर अपने विचार रखें। कार्यशाला में 2047 के लिए जिले के विजन डॉक्युमेंट पर चर्चा की गई। जिसके अंतर्गत शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, उद्योग विभाग, कृषि विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों ने 2047 के लिए जिले का विजन डॉक्युमेंट पीपीटी के माध्यम से पेश किया।

जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करती है कि सभी कार्यों में खुलापन और स्पष्टता हो, जवाबदेही यह सुनिश्चित करती है कि अधिकारी अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार हों, और संवेदनशीलता यह सुनिश्चित करती है आप लोगों की समस्याओं और जरूरतों के प्रति संवेदनशील होने चाहिए। जब कोई व्यक्ति आपके पास आता है, तो आपको उसकी बात सुननी चाहिए, उसकी समस्या को समझना चाहिए और उसका समाधान करने का प्रयास करना चाहिए।

मुख्य अतिथि सेवानिवृत आईएएस निर्मल कुमार जैन ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर हमें दूसरों की समस्याओं को सुनने और समझने की कोशिश करनी चाहिए और उनकी समस्या का समाधान करने के लिए हमें सहानुभूति और संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए। यह गुण न केवल अधिकारी के कार्यकाल को सफल बनाता है, बल्कि यह समाज में भी एक सकारात्मक प्रभाव डालता है। जब लोगों को लगता है कि अधिकारी उनकी समस्याओं को समझते हैं और समाधान करने के लिए प्रयासरत हैं, तो वे अधिकारी के प्रति सम्मान और विश्वास रखते हैं।

विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत आरएएस शोभालाल मूंदड़ा ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए हर अधिकारी के लिए अपने पद की जिम्मेदारी को समझना और उसे पूरा करना आवश्यक हैं। अगर हर अधिकारी अपने पद की जिम्मेदारी को पूरा करे, तो सरकार के उद्देश्य को पूरा करना आसान हो जाएगा। कार्यशाला में जिले में किये गये नवाचारों वेस्ट टू बेस्ट, नेत्र-ज्योति अभियान और चतुरंग पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रभान सिंह भाटी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

जिला स्तरीय कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन ओ पी मेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर प्रतिभा देवठिया, आईएएस भरत मीणा, ओएसडी यूआईटी चिमनलाल, सीएमएचओ डॉ सीपी गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी योगेश पारीक सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहें।

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