बाबा साहेब के विरोध में दिए गये अपमानजनक बयान के विरोध में सौंपा ज्ञापन

बाबा साहेब के विरोध में दिए गये अपमानजनक बयान के विरोध में सौंपा ज्ञापन
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भीलवाड़ा - ओबीसी की जातिगत जनगणना करने, ईवीएम बंद करके बेलेट पेपर से चुनाव कराने एवं मा. अमीत शाह द्वारा बाबा साहेब के विरोध में किये गये अपमानजनक बयान के विरोध में महामहीम राष्ट्रपति महोदया के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

मोतीलाल सिंघानिया ने बताया कि भारत देश को आजाद हुऐं 77 वर्ष हो गये लेकिन आजाद भारत में संविधान में मिले हक अधिकार से देश के मूलनिवासी कोसों दूर है एवं संविधान को लागू करने वाले शासनकर्ता जमात अर्थात देश की सरकारो द्वारा समय समय पर संविधान को कमजोर करने का षडयंत्र करते रहे है। विश्व का सबसे बडा लिखित संविधान भारत देश का बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर जी द्वारा निर्माण करने पर आज भी उसे पूर्ण रूप से लागू नहीं करके, देश के लोगों को उससे वंचित करने एवं संविधान निर्माता का अपमान करने एवं लोकतंत्र में वोट के अधिकार को खत्म करके ईवीएम को लाना एवं देश में 1931 की जनगणना के आधार पर 52 प्रतिशत ओबीसी थी जिसकी अभी तक पुनः जनगणना नहीं करके प्रतिनिधित्व को खत्म किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदार केन्द्र सरकार है।

चन्द्रप्रकाश लोहार ने बताया कि अभी हाल ही में देश के गृहमंत्री मा.अमित शाह द्वारा बाबा साहेब के विरोध में अपमानजनक बयानबाजी करके उनको अपमानित करने से तमाम देशवासियो में भारी रोष व्याप्त है, अतः राष्ट्रव्यापी भारत मुक्ति मोर्चा द्वारा भारत बंद 31 दिसम्बर 2024 को लेकर देश में विरोध प्रकट किया जा रहा है।

राधेश्याम ऐरवाल ने बताया कि ज्ञापन में ओबीसी की जाति आधारित जनगणना न करने और संख्या के अनुपात में सभी क्षैत्रों में हिस्सेदारी न देने के विरोध, चुनाव में ईवीएम से हो रही धांधली के विरोध में बेलेट पेपर लागू करने के समर्थन में एवं अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर जी के विरोध में किए गए अपमानजनक बयान के विरोध में ज्ञापन सौंपा गया। त्वरित कार्यवाही की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई।

इस दौरान ज्ञापन में एडवोकेट मुकेश चंदेल, पप्पूलाल डीडवानिया, ललित किशोर मीणा, सूरज रेगर सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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